ADVERTISEMENTREMOVE AD

जादवपुर यूनिवर्सिटी में 'रैगिंग' से मौत,नाबालिग के पिता बोले-बेटे को धक्का देकर मारा

Jadhavpur University Case: घटना से ठीक तीन दिन पहले, मृतक के पिता उसे कैंपस में छोड़ने के लिए कोलकाता गए थे.

Published
भारत
5 min read
छोटा
मध्यम
बड़ा

(चेतावनी: स्टोरी में सुसाइड के डिटेल हैं. अगर आपको सुसाइड के विचार आते हैं या आप किसी ऐसे को जानते हैं जिसे ऐसे ख्याल आते हैं , तो कृपया उनके पास पहुंचें और स्थानीय आपातकालीन सेवाओं, हेल्पलाइनों और मानसिक स्वास्थ्य NGO's के इन नंबरों पर कॉल करें)

"मेरा बेटा एक जेंटल इंसान था. उसने कभी किसी से बहस या झगड़ा नहीं किया. हम 31 अक्टूबर को उसके 18वें जन्मदिन के लिए कुछ बड़ा प्लान कर रहे थें - लेकिन अब, सब खत्म हो गया है."

कोलकाता (Kolkata) से लगभग 80 किलोमीटर दूर, पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के राणाघाट में रह रही एक मां (जो कि पेशे से एक आशा कार्यकर्ता हैं) की चीखें उसके घर पर आने वाले हर इंसान के दिल को छलनी कर रही है.

उस मां ने अपने 17 साल के बेटे को खो दिया है. कथित तौर पर 9 अगस्त को उसके बेटे की आत्महत्या से मृत्यु हो गई. उसने एक सप्ताह से भी कम दिन पहले ही कोलकाता के जादवपुर यूनिवर्सिटी (Jadhavpur University) में एडमिशन लिया था. लेकिन कैंपस में कथित तौर पर हुई रैगिंग के बाद वो इतना परेशान हुआ कि उसने आत्महत्या करना ही उचित समझा.

मामले में, 22 वर्षीय पूर्व छात्र चंदन (बदला हुआ नाम) को 11 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया. चंदन ने 2022 में ग्रेजुएशन किया था, लेकिन वो अभी भी कैंपस में रह रहा था. फिलहाल भारतीय दंड संहिता/IPC के धारा 302 (हत्या) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत उसपर केस दर्ज किया गया है.

मामले में, यूनिवर्सिटी के दो अन्य छात्रों को भी गिरफ्तार किया गया है. एक सेकंड ईयर का अर्थशास्त्र का छात्र है और दूसरा सेकंड ईयर का समाजशास्त्र का छात्र है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'हमारे बेटे को कैंपस में प्रताड़ित किया गया और उसकी हत्या कर दी गई': पिता

घटना से ठीक तीन दिन पहले मृतक के पिता (जो एक बैंक कर्मचारी हैं) अपने बेटे को कैंपस छोड़ने कोलकाता गए थे.

उसी दिन, 6 अगस्त को, वो चंदन (जो अब मामले का मुख्य आरोपी है) से मिले. चंदन ने उन्हें वादा किया था कि वो उनके बेटे की अच्छे से देखभाल करेगा.

दुःखी पिता ने द क्विंट को बताया, "चंदन (पूर्व छात्र) ने मेरे बेटे की देखभाल करने और उसे छोटे भाई की तरह ट्रीट करने का वादा किया था. लेकिन उसने ये किया. "

कोलकाता पुलिस ने द क्विंट को बताया कि तीन दिन बाद 9 अगस्त को, नाबालिग छात्र रात 11:45 बजे के आसपास आपत्तिजनक अवस्था में हॉस्टल बिल्डिंग की बालकनी से गिरा पाया गया. वह उस वक्त नग्न अवस्था में था.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गिरने से पहले पीड़िता को कथित तौर पर यह चिल्लाते हुए सुना गया था, "मैं गे नहीं हूं." नाबालिग के पिता ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे को हॉस्टल में उसके सीनियर्स ने गंभीर रूप से प्रताड़ित किया और उसकी हत्या कर दी.

परिवार ने द क्विंट को यह भी बताया कि कैंपस पहुंचने के दो दिन बाद नाबालिग को 'अपने बाल काटने' के लिए कहा गया था.

0

मृतक के पिता ने कहा,

मेरे बेटे ने चंदन और हॉस्टल के कुछ अन्य छात्रों के कहने पर 8 अगस्त को अपने बाल भी काट लिए थे. उस दिन उसने अपनी मां को फोन किया था और वो डरा हुआ लग रहा था. 9 अगस्त को, उसे फिर से बेरहमी से प्रताड़ित किया गया. उस दिन उसने एक अननोन नंबर से रात 11 बजे अपनी मां को फिर से कॉल किया और हॉस्टल में हो रहे गलत कामों के बारे में बताया. उसने अपनी मां से उसे वापस ले जाने के लिए भी कहा था. वह उसकी आखिरी कॉल थी.''

पीड़ित के पिता ने सीनियर स्टूडेंट्स पर आरोप लगाते हुए कहा, "मेरी पत्नी मेरे बेटे को उसके फोन पर कॉल करती रही, लेकिन वह कॉल काटता रहा. हमें लग रहा था कि वहां कुछ बहुत गलत हो रहा है. क्योंकि वो कभी ऐसा नहीं करता था. इस दौरान उसके सीनियर दूसरे नंबरों से हमें फोन करते रहे और हमें आश्वासन देते रहे कि हमारा बेटा ठीक है. लेकिन हमें अंजादा हो गया था कि उसके साथ कुछ गलत हो रहा है."

उन्होंने आगे कहा कि 11 अगस्त को हमें रानाघाट अपने बेटे से मिलने जाना था. लेकिन सीनियर्स को अंदाजा था कि हम समझ चुके हैं कि हमारे बेटे के साथ क्या हो रहा है. उन्हें डर था कि सब कुछ सामने आ जाएगा. इसलिए उन्होंने मेरे बेटे को बिल्डिंग से धक्का देकर उसे मारा डाला. इमारत से फेंक दिया और मार डाला.

पीड़ित के पिता के अनुसार, उनके बेटे के शरीर पर "गंभीर हमले और सिगरेट से जलाए जाने के कई निशान थे." उन्होंने कहा कि "अंतिम संस्कार करने वाले पुजारी उसकी हालत देखकर हैरान रह गए."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'उसे हर कोई प्यार करता थावह , बांग्ला पढ़ना चाहता था'

द क्विंट से बात करते हुए मृतक की मौसी ने कहा, " उसे सबलोग प्यार करते थें. वो बहुत शांत और अनुशासित बच्चा था. हमने उसे कभी किसी से अपमानजनक बात करते नहीं सुना. वह दूसरे छात्रों के साथ बहुत दोस्ताना था, लेकिन उनमें से किसी के साथ समय बिताए बिना सीधे घर आ जाता था."

मृतक बगुला हाई स्कूल का छात्र था. उसने बगुला के श्रीकृष्ण कॉलेज में कंप्यूटर साइंस विभाग में एडमिशन लिया था. हालांकि, जब उसे बंगाली (ऑनर्स) की पढ़ाई के लिए जेयू में एडमिशन मिला, तो उसने अपने 'ड्रीम कॉलेज'में जाना उचित समझा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
मृतक की मौसी ने कहा, "जादवपुर यूनिवर्सिटी में जब उसे एडमिशन मिला, तो वो बहुत खुश था. हालांकि उसके पिता बेटे को कोलकाता भेजने के लिए बहुत उत्सुक नहीं थें. वो चाहते थे कि वह उनके साथ रहकर ही स्थानीय स्तर पर पढ़ाई करे. वे सोच रहे थे कि चूंकि वो गांव से है, इसलिए यहां शायद उसके लिए एडजस्ट करना मुश्किल होगा. लेकिन आखिर में वो उसे बाहर भेजने के लिए तैयार हो गएं."                                                                             

बगुला हाई स्कूल के प्रमुख उत्पल बिस्वाल ने मृतक के बारे में बात करते हुए कहा-"वह न सिर्फ पढ़ाई में अच्छा था बल्कि उसका व्यवहार भी बहुत अच्छा था. जब भी हम उससे बात करते थे, तो वह हमारी बात सुनता था, उसके बाद ही अपना समय लेकर शांति से जवाब देता था. हम इस तरह की चौंकाने वाली घटना के बारे में जानकर बहुत व्यथित हैं. ऐसा लगता है कि हमने अपना बच्चा खो दिया है."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'किसी मां को अपने बच्चे को इस तरह नहीं खोना चाहिए'

पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष अनन्या चक्रवर्ती के नेतृत्व में एक टीम ने 13 अगस्त को मृतक के घर का दौरा किया.

चक्रवर्ती ने मीडिया से कहा, "हमने पुलिस से यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने के लिए कहा है क्योंकि मृतक नाबालिग था. अपराध साबित होने पर आजीवन कारावास या मौत की सजा भी हो सकती है."

उन्होंने कहा, "हॉस्टल के अधिकारियों को भी दोषी ठहराया जा सकता है क्योंकि हॉस्टल ने पूर्व छात्रों या बाहरी लोगों के प्रवेश का पता लगाने के लिए कोई रजिस्टर नहीं रखा था. उस भयावह रात में हुई घटनाओं के क्रम का पता लगाने के लिए कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं था."

इस बीच, यूनिवर्सिटी ने नाबालिग की मौत के बाद मेन हॉस्टल के सभी फर्स्ट ईयर के लड़कों को 'अस्थायी रूप से एक नई फैसिलिटी में ट्रांसफर होने' के लिए कहा है.

मृतक की मां अब इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रही हैं. उन्होंने कहा, "भगवान उन लोगों को कभी माफ नहीं करेंगे जिन्होंने मेरे बेटे को मार डाला है."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×