जहांगीरपुरी हिंसा (Jahangirpuri violence) मामले में वीएचपी (VHP) और बजरंग दल (Bajrang Dal) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. क्योंकि शोभायात्रा निकालने के लिए उन्होंने इजाजत नहीं ली थी. जिसके बाद जहांगीरपुरी में एक मस्जिद के आगे पत्थरबाजी हुई थी और कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे.
नॉर्थ वेस्ट डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि
17 अप्रैल को विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल दिल्ली प्रांत के आयोजकों के खिलाफ बिना अनुमति के जुलूस (पीएस जहांगीरपुरी क्षेत्र में 16 अप्रैल की शाम) निकालने के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और विश्व हिंदू परिषद के जिला संयोजक प्रेम शर्मा को गिरफ्तार किया गया है.
वीएचपी और बजरंग दल के खिलाफ आईपीसी की धारा-188 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के मुताबिक अब तक कुल 23 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है जिनमें से 2 नाबालिग हैं. पुलिस उपायुक्त (उत्तर पश्चिम) उषा रंगनानी ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्तियों के कब्जे से तीन बंदूकें और पांच तलवारें भी बरामद की गई हैं.
जहांगीरपुरी हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
जहांगीरपुरी में हनुमान शोभा.यात्रा के दौरान हुई हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट में याचिका लगाई गई है कि इस हिंसा में ISIS के हाथ की जांच की जाए. वकील और सामाजिक कार्यकर्ता विनीत जिंदल ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक जनहित याचिका दायर कर जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती और विभिन्न राज्यों में रामनवमी की घटनाओं से संबंधित मामलों की जांच NIA को सौंपने की मांग की है.
इस हिंसा में 10 से 12 लोग घायल हुए हैं जिसमें 6 पुलिसवाले भी शामिल हैं. एक सब इंस्पेक्टर 'मेदा लाल' को इसमें गोली भी लगी है.
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