कांग्रेस सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे जयराम रमेश का कहना है कि ‘बीफ इंडस्ट्री' जलवायु परिवर्तन का बहुत बड़ा कारण है और इस समस्या से निपटने के लिए लोगों को वेजिटेरियन खानपान अपनाना चाहिए.
केरल सरकार द्वारा आयोजित कृति इंटरनेशनल बुक फेयर में वेस्टर्न घाट के इकोसिस्टम पर एक चर्चा में उन्होंने ये बात कहीं.
शाकाहारी खानपान पर्यावरण के लिए अच्छा : जयराम रमेश
जलवायु परिर्वतन से निपटने में वेजिटेरियन खाने की भूमिका पर पूछे गये सवाल पर जयराम रमेश ने कहा-
‘‘मुझे पता है कि केरल के खानपान में ‘बीफ करी’ बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि नॉन वेजिटेरियन खानपान का कार्बन फुटप्रिंट (कार्बन उत्सर्जन) वेजिटेरियन खानपान के मुकाबले ज्यादा होता है.’’
रमेश ने कहा, ‘‘मेरा हमेशा से ये मानना रहा है कि अगर आप जलवायु परिवर्तन के लिए कुछ करना चाहते हैं तो आप वेजिटेरिअन बन जाएं.’’
उन्होंने कहा कि कैटल फार्मिंग के लिए अर्जेंटिना, ब्राजील और अमेरिका में जंगल काटे जा रहे हैं. मवेशियों की बढ़ती संख्या से मिथेन गैस का उत्सर्जन बढ़ता है जो कार्बन डाईऑक्साइड के मुकाबले ज्यादा शक्तिशाली ग्रीन हाउस गैस है.
हालांकि उन्होंने साफ किया कि खानपान व्यक्ति की अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा है और भारत में नॉनवेज खाने का सेवन विदेशों के मुकाबले काफी अलग है.
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