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जामिया केस:घायल छात्र ने मांगा 2 करोड़ मुआवजा,HC का सरकार को नोटिस

याचिका में दावा किया है कि वो जामिया की लाइब्रेरी में पढ़ रहे थे तब दिल्ली पुलिस ने वहां पहुंचकर उन्हें मारा.

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दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया के एक छात्र की दायर याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. 15 दिसंबर 2019 को जामिया में हुई हिंसा में घायल छात्र शाययान मुजीब ने कोर्ट में 2 करोड़ रुपये के मुआवजे की याचिका लगाई थी. इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है.

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शायन मुजीब ने याचिका में दावा किया है कि वो जामिया की लाइब्रेरी में पढ़ रहे थे, तब दिल्ली पुलिस ने वहां पहुंचकर उन्हें मारा. जिस वजह से उनेके दोनों पांव टूट गए. उनके इलाज में ढाई लाख रुपए खर्च हो चुका है.

इसी याचिका पर चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने केंद्र, आप और पुलिस को नोटिस जारी कर 27 मई तक जवाब मांगा है. मुजीब की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि उसके मुवक्किल के दोनों पैर फ्रैक्चर हैं और वह जीवन भर के लिए लंगड़ा हो जाएगा. हालांकि, केंद्र ने उनके दावे पर आपत्ति जताई. वकील ने कहा, “लाइब्रेरी के सीसीटीवी फूटेज मौजूद हैं.”

इससे पहले एक और छात्र मोहम्मद मिन्हाजुद्दीन ने याचिका दायर कर घटना की जांच करवाने और घटना में घायल होने के बाद इलाज में आए खर्च के एवज में मुआवजे की मांग की थी. मिन्हाजुद्दीन ने याचिका में कहा कि घटना में उसकी एक आंख की रोशनी चली गई.

दिल्ली के जामिया नगर में 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे. 14 बसों और 20 निजी वाहनों में आगजनी की गई थी. बाद में पुलिस जामिया परिसर में घुसी, आंसू गैस के गोले छोड़े और छात्रों पर लाठीचार्ज किया था.

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