जामिया में छात्रों के साथ पुलिस के लाठीचार्ज और झड़प के मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई की. इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गृहमंत्रालय और दिल्ली पुलिस को जरूर नोटिस जारी किया, लेकिन छात्रों को किसी तरह की राहत नहीं मिली. हाईकोर्ट में हुई इस सुनवाई के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसकी खूब चर्चा हो रही है. इस दौरान वकीलों ने जज के उठते ही शेम-शेम के नारे लगाए.
नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान जजों ने पुलिस और गृहमंत्रालय को नोटिस जारी कर मामले की अगली सुनवाई 4 फरवरी को करने की बात कही. इसके बाद जैसे ही जज कोर्ट रूम से बाहर निकलने लगे तभी कुछ वकीलों ने शेम-शेम के नारे लगाने शुरू कर दिए.
वकीलों ने जजों के सुनवाई को आगे बढ़ाने वाले फैसले के खिलाफ नारेबाजी की. अब इस मामले में बार काउंसिंल ने संज्ञान लिया है. बार काउंसिल ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि हम वकीलों के इस तरह के व्यवहार पर खेद जताते हैं. हमें हर हाल में कोर्ट की गरिमा और सम्मान बनाए रखना होगा.
15 दिसंबर को नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया के सैकड़ों छात्रों ने प्रदर्शन किया था. जिसके बाद अचानक हिंसा भड़क गई. दिल्ली पुलिस ने छात्रों पर जमकर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे. इस दौरान पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगे. पुलिस पर आरोप लगा कि उसने जबरन कैंपस में घुसकर छात्रों को पीटा.
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