जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से हुए आतंकी हमले को लेकर कुछ जानकारियां सामने आई हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि, जिन ड्रोन से एयरफोर्स बेस पर हमला हुआ, उनमें करीब 1.5 किलो आरडीएक्स लगाया गया था. साथ ही बताया गया है कि लश्कर-ए-तैयबा और दर रिसिस्टेंस फ्रंड (TRF) इस हमले के पीछे शामिल हो सकते हैं.
जीपीएस से लैस थे ड्रोन
सूत्रों के हवाले से मिली इस जानकारी में बताया गया है कि, दोनों ड्रोन पर जीपीएस लगा हुआ था, जिससे वो टारगेट तक आसानी से पहुंचे. साथ ही इन्हें मैनुअल तरीके से आतंकी चला रहे थे. बता दें कि इस आतंकी हमले की जांच एनआईए ने अपने हाथों में ले ली है.
कुछ दिनों पहले जम्मू एयरफोर्स बेस पर अचानक दो बम धमाके हुए. इन बम धमाकों में दो जवान घायल हो गए. कुछ देर तक तो जवान समझ नहीं पाए कि हमला कैसे हुआ, लेकिन इसके बाद पता चला कि ड्रोन से बम ड्रॉप किए गए थे. दो ड्रोन बम गिराकर वापस लौट गए.
इस हमले के बाद श्रीनगर प्रशासन की तरफ से ड्रोन को लेकर एक आदेश जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि किसी भी तरह के ड्रोन को खरीदने, बेचने और इस्तेमाल करने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई गई है. जिन लोगों के पास पर्सनल ड्रोन हैं, या जो इन्हें बेचते हैं उन्हें ड्रोन को पुलिस स्टेशन में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसा नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)