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कश्मीरी बच्ची की ‘मासूम’ शिकायत,अब ऑनलाइन क्लास के लिए बने नए नियम

वायरस वीडियो में बच्ची ने कहा- “अस्सलामु अलैकुम मोदी साहब, छोटे बच्चों को इतना काम क्यों देते हैं?”

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भारत
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ऑनलाइन क्लासेज और खूब सारे होमवर्क को लेकर एक 6 साल की बच्ची की पीएम मोदी से ‘मासूम’ शिकायत पर अब सरकार ने एक्शन लिया है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने देर तक ऑनलाइन क्लास और होमवर्क को लेकर गाइडलाइन बनाने का आदेश दिया था, जिसके बाद मनोज सिन्हा के आदेश पर शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन क्लास के लिए गाइडलाइन जारी की है.

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गाइडलाइन के मुताबिक प्री प्राइमरी के बच्चाें की क्लास दिनभर में 30 मिनट से ज्यादा नहीं होगी. क्लास 1 से 8वीं तक के स्टूडेंट के लिए ऑनलाइन क्लास दिन में ज्यादा से ज्यादा डेढ़ घंटे तक होगी. पहली से आठवीं तक की क्लास 30 से 45 मिनट के अधिकतम दो सत्रों में होंगी.

गाइडलाउन में सीनियर क्लास के स्टूटेंड के लिए भी नियम बनाए गए हैं. क्लास 9-12 के लिए 3 घंटे से ज्यादा ऑनलाइन क्लास नहीं लेने को कहा गया है.

दरअसल, जम्मू-कश्मीर की 6 साल की स्टूडेंट ने एक वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत करते हुए कहा था कि स्कूलों में बच्चों को इतना होमवर्क क्यों दिया जा रहा है. बच्ची के ये मासूम सवाल सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसके बाद उपराज्यपाल ने खुद इसपर संज्ञान लिया.

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वायरस वीडियो में बच्ची कहती है,

“अस्सलामु अलैकुम मोदी साब, छोटे बच्चे, 6 साल के बच्चों को क्यों इतना काम देते हैं मैडम और सर. इतना काम बड़े बच्चों को होता है. मेरी सुबह 10 बजे से 2 बजे तक क्लास होती है. इंग्लिश, मैथ, उर्दू, ईवीस, कंप्यूटर की क्लास होती है. इतना काम तो बड़े बच्चों को होता है. छोटे बच्चों को इतना काम क्यों देते हैं?”

ट्वीट में मनोज सिन्हा ने लिखा, “बहुत ही प्यारी शिकायत. स्कूली बच्चों पर होमवर्क का भार कम करने के लिए स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट को 48 घंटे के अंदर पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया गया है. बचपन की मासूमियत भगवान का तोहफा है, और उनके ये दिन मस्ती और खुशी से भरे होने चाहिए.”

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मनोज सिन्हा के आदेश के बाद 24 घंटे के अंदर नई गाइडलाइन जारी की गई. नए नियमों के बाद उपराज्यपाल ने ट्विटर पर लिखा, “संबंधित अधिकारी इन फैसलों को सख्ती से लागू कराएं. हमारे बच्चों को खेलने के लिए, माता-पिता के साथ बातचीत के लिए अधिक समय की जरूरत है, जो किसी बच्चे के सीखने का सबसे बड़ा अनुभव हो सकता है.”

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