आतंकवादियों ने शनिवार को श्रीनगर के करणनगर इलाके में सीआरपीएफ की एक टीम पर ग्रेनेड से हमला किया. इस हमले में सीआरपीएफ के छह जवान घायल हो गए.
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की टीम एक जांच चौकी पर तैनात थी, तभी यह हमला हुआ. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने हमले के जवाब में हवा में कुछ गोलियां चलाई.
2018 में 328 बार घुसपैठ की कोशिश
पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों ने 2018 में जम्मू-कश्मीर में 328 बार घुसपैठ की कोशिश की, जो बीते पांच साल में सबसे ज्यादा है. इनमें से 143 कोशिश में वो सफल रहे. गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
मंत्रालय ने 2018-19 की रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में बीते साल 257 आतंकवादी मारे गए और 91 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए, जो बीते पांच साल में सबसे ज्यादा है. इस दौरान 39 आम लोगों की भी मौत हुई.
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017 में घुसपैठ की 419 बार कोशिश की गई, जिनमें से 136 सफल रही. 2016 में ऐसी 371 कोशिशें की गईं, जिनमें से 119 सफल रहीं. वहीं 2015 में 121 बार घुसपैठ की कोशिश हुई, जिनमें से 33 में उन्हें सफलता मिली. 2014 में 222 बार घुसपैठ की कोशिश हुई और 65 कोशिशें सफल रहीं.
आतंकी घटनाएं बीते पांच साल में सबसे ज्यादा
रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में 2018 में सुरक्षाकर्मियों की शहादत, आतंकवादियों के ढेर होने और आतंकी घटनाओं के आंकड़े बीते पांच साल में सबसे ज्यादा रहे. वहीं 2017 में 342 आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें 213 आतंकवादी मारे गए, 80 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 40 नागरिकों की मौत हुई.
इसी तरह 2016 में हुईं 322 आतंकी घटनाओं में 150 आतंकवादी मारे गए, 82 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 15 आम लोगों की मौत हुई जबकि 2015 में 208 आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें 108 आतंकवादी मारे गए, 39 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 17 लोगों की जान गई.
गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, "जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत (1990 में) के बाद से 31 मार्च 2019 तक 14,024 लोगों की मौत हो चुकी है और 5,273 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं.
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