जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा है कि वो आतंकियों के साथ पकड़े गए डीएसपी देविंदर सिंह के साथ आतंकियों जैसा ही सलूक कर रही है और उनसे पूछताछ जारी है. शनिवार 11 जनवरी की रात जम्मू नेशनल हाईवे से एक कार में 2 आतंकियों के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी को हिरासत में लिया गया था. इनके साथ ही एक स्थानीय एडवोकेट को भी हिरासत में लिया गया था.
चारों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट, एक्सप्लोसिव एक्ट और गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम (UAPA) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है और कई एजेंसियां इनसे पूछताछ कर रही हैं.
जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने रविवार 12 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिरफ्तारी के बारे में बताया.
“एसपी शोपियां को एक सूचना मिली थी कि 2 आतंकी एक आई-10 कार में निकले हैं और नेशनल हाईवे जम्मू जाना चाह रहे हैं. एसपी ने मुझे बताया और मैंने DIG साउथ कश्मीर को आदेश दिया कि अपने इलाके में वो नाका लगाएं. नाका लगाने के बाद गाड़ी की तलाशी ली गई और उसमें दो वॉन्टेड आतंकी थे और उनके साथ हमारी फोर्स के एक डीएसपी भी पाए गए. साथ ही एक स्थानीय एडवोकेट भी था.”विजय कुमार, IG जम्मू-कश्मीर
आईजी विजय कुमार के मुताबिक पकड़ा गया डीएसपी देविंदर कई आतंकवादी विरोधी ऑपरेशन में भी शामिल था और अब उनके खिलाफ आतंकियों की तरफ ही बर्ताव किया जा रहा है.
“ये पुलिस अधिकारी कई आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में शामिल थे लेकिन कल जिस तरह से आतंकियों को गाड़ी में बैठकर ले जा रहे थे वो बड़ा अपराध है. उनके साथ वैसा ही सलूक किया जा रहा है जैसा आतंकी के साथ किया जाता है. उनसे पूछताछ जारी है.”विजय कुमार, IG जम्मू-कश्मीर
इन चारों की गिरफ्तारी के बाद फिलहाल कई एजेंसी पूछताछ कर रही हैं. IG ने बताया, “उनसे पूछताछ की गई और फिर उसके बाद आर्मी, CRPF, IB, R&AW को बुलाकर पूछताछ शुरू की गई जो अभी भी चल रही है.”
गिरफ्तार आतंकी था पूर्व कॉन्सटेबल
पकड़े गए आतंकियों में से एक नवीद शाह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का मोस्ट वॉन्टेड है. ये जम्मू कश्मीर पुलिस का ही पूर्व कॉन्सटेबल है, जो 2017 में भाग गया था.
“उसमें से एक हिज्बुल मुजाहिद्दीन का कमांडर नवीद शाह था, जो 2017 तक पुलिस कॉन्सटेबल था और 4 हथियार लेकर भाग गया था. उसके बाद कई सिविलियन और पुलिस की हत्याओं में शामिल था. इसके खिलाफ 17 FIR दर्ज थी और हिज्बुल का शोपियां डिस्ट्रिक्ट कमांडर था. कई तरह की लीड उससे मिली हैं.”
खास बात ये है कि यही डीएसपी फिलहाल श्रीनगर एयरपोर्ट में ड्यूटी पर तैनात था और 9 जनवरी को जब 15 विदेशी राजनयिकों का प्रतिनिधिमंडल जम्मू कश्मीर के दौरे पर था, तो उस दिन भी ये अधिकारी एयरपोर्ट ड्यूटी पर ही था.
हालांकि इस पर आईजी ने कहा कि उस वक्त तक पुलिस के पास इनके खिलाफ कोई जानकारी नहीं थी, इसलिए उन्हें ड्यूटी से नहीं रोका जा सकता था.
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