पुलिस के आईजी (कश्मीर) विजय कुमार ने 25 जुलाई को दो आतंकवादियों के मारे जाने के बाद 26 जुलाई को कहा कि अब श्रीनगर का कोई भी स्थानीय निवासी आतंकवाद में शामिल नहीं है. कश्मीर पुलिस के ट्विटर हैंडल ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा, "कल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी इश्फाक रशीद खान के मारे जाने के बाद श्रीनगर जिले का कोई निवासी अब आतंकी रैंक, आतंकवाद में शामिल नहीं है."
श्रीनगर के बाहरी इलाके में रणबीरगढ़ में 25 जुलाई को एक मुठभेड़ में लश्कर के दो आतंकवादी मारे गए थे. मारे गए आतंकवादियों में से एक इशफाक रशीद खान श्रीनगर का रहने वाला था.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में पुलिस के आईजी (कश्मीर) विजय कुमार ने कहा था कि श्रीनगर कभी भी आतंकवाद मुक्त नहीं हो पाएगा. कुमार ने कहा कि इसकी वजह दूसरे जिलों से श्रीनगर में आतंकियों का आना है और उनके श्रीनगर में बेस बनाने से पहले उन्हें मार दिया जाता है.
श्रीनगर के बाहरी इलाके में 3 जुलाई को एक मुठभेड़ के बाद IGP विजय कुमार ने कहा, “श्रीनगर ऐसा शहर है जहां आतंकी अक्सर आते हैं. कभी वो मेडिकल ट्रीटमेंट, कभी फंड इकट्ठा करने और कभी मीटिंग करते आते हैं. श्रीनगर आतंकी मुक्त नहीं ही सकता.”
कुमार ने कहा था कि आतंकी श्रीनगर आते रहेंगे और जब हमें उनके बारे में जानकारी मिलेगी तो हम उनका एनकाउंटर करेंगे.
अभी तक श्रीनगर में कई मुठभेड़ों में 10 आतंकी मारे जा चुके हैं. इनमें से कुछ श्रीनगर के निवासी थे.
25 जुलाई को मारे गए दोनों आतंकी जम्मू-कश्मीर पुलिस, 29 राष्ट्रीय राइफल्स और CRPF के जॉइंट कॉर्डों और सर्च ऑपरेशन में फंस गए थे. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर का कहना है कि आतंकियों को सरेंडर करने का विकल्प दिया गया था लेकिन उन्होंने गोली चलानी शुरू कर दी थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)