जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर हालात तनावग्रस्त बने हुए हैं. अफजल गुरू और मकबूल भट की फांसी के मौके पर अलगाववादी संगठन ने बंद बुलाया है. कुछ समय पहले ही चालू की गई इंटरनेट सर्विस एक बार फिर बंद कर दी गई थी. इसके साथ ही घाटी में दो पत्रकारों से पूछताछ की भी खबरें आ रही हैं.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 2 पत्रकारों को घाटी में बंद के ऐलान की रिपोर्टिंग करने को लेकर पूछताछ की है. जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) ने अफजल गुरू और मकबूल भट की फांसी के मौके पर बंद का ऐलान किया था. अफजल को 9 फरवरी 2013 और भट को 11 फरवरी 1984 को दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी.
पुलिस ने JKLF के खिलाफ FIR भी दर्ज की है. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि पत्रकारों से सिर्फ पूछताछ की गई है, उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया है. पत्रकारों के संगठनों ने पुलिस की इस कार्रवाई की आलोचना की है. संगठनों ने इसे उत्पीड़न करार दिया और आरोप लगाया कि पुलिस तय करना चाहती है कि क्या रिपोर्ट किया जा सकता है और क्या नहीं.
JKLF ने बुलाया बंद
JKLF ने अफजल गुरू और मकबूल भट की फांसी के मौके पर घाटी में बंद का ऐलान किया है. पुलिस ने इसे लेकर संगठन के खिलाफ कानून-व्यवस्था बिगाड़ने और हिंसा भड़काने के आरोप में केस दर्ज किया है.
PTI ने पुलिस के एक प्रवक्ता के हवाले से बताया कि संगठन ने आने वाले दिनों में हिंसा भड़काने की साजिश की है.
पिछले साल 5 अगस्त को आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से किसी भी अलगाववादी संगठन की तरफ से ये पहला बंद का ऐलान माना जा रहा है. यासीन मलिक की अगुवाई वाले JKLF को पिछले साल मार्च में UAPA के तहत बैन कर दिया गया था.
इंटरनेट सर्विस फिर बंद
5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी. सरकार इसे एहतियातन उठाया गया कदम बता रही थी. कुछ समय पहले ही केंद्र शासित प्रदेश में 2G इंटरनेट सेवा शुरू की गई थी. लेकिन घाटी में बुलाए गए बंद के बाद प्रशासन ने एक बार फिर इंटरनेट बंद कर दी थी.
9 फरवरी को अफजल गुरु की फंसी के 7 साल पूरे होने को लेकर एहतियात के तौर पर मोबाइल इंटरनेट बंद किया गया था, जिसे देर शाम बहाल कर दिया गया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)