शनिवार 11 जनवरी की रात में 2 आतंकियों के साथ गिरफ्तार हुए जम्मू-कश्मीर के पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह पर बवाल मचा हुआ है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सिंह राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित हैं. इस पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अब सफाई पेश की है. पुलिस का कहना है कि देविंदर सिंह को ऐसा कोई मेडल नहीं दिया गया है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ट्विटर पर सफाई देते हुए लिखा है कि सिंह को किसी गैलेंट्री या सराहनीय मेडल से सम्मानित नहीं किया गया है. पुलिस ने लिखा, "DSP देविंदर सिंह को गृह मंत्रालय ने किसी गैलेंट्री या सराहनीय मेडल से सम्मानित नहीं किया है, जैसे कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में लिखा गया है. सिंह को केवल एक गैलेंट्री मेडल मिला है जो उन्हें जम्मू-कश्मीर राज्य ने उनकी सर्विस के लिए 2018 स्वतंत्रता दिवस पर दिया था."
पुलिस ने बताया है कि सिंह को किस घटना के लिए ये मेडल दिया गया था. पुलिस ने ट्विटर पर लिखा,
“सिंह को 25/26 अगस्त 2017 को पुलवामा की डिस्ट्रिक्ट पुलिस लाइन पर फिदायीन आतंकी हमले के दौरान पुलिस की जवाबी कार्रवाई में हिस्सा लेने के लिए ये मेडल मिला है. सिंह उस समय पुलवामा की डिस्ट्रिक्ट पुलिस लाइन में DSP की पोस्ट पर तैनात थे.”
काल्पनिक कहानियों से बचे मीडिया
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मीडिया से 'काल्पनिक' कहानियों से बचने को कहा है. पुलिस ने कहा है कि वो अपनी दक्षता के लिए जानी जाती है और गैरकानूनी कामों में लिप्त अपने काडर को भी नहीं छोड़ते हैं. पुलिस ने ट्विटर पर लिखा, "हम ऐसा करते आए हैं और इस केस में भी करेंगे. हम अपने कोड ऑफ कंडक्ट से चलेंगे."
पुलिस ने देविंदर सिंह केस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एक SIT सिंह और गिरफ्तार किए गए आतंकियों से पूछताछ कर रही है. SIT ही इस मामले में सिंह के आपराधिक व्यवहार और उनके पिछले किसी अपराध में शामिल होने की भी जांच करेगी.
सिंह से होगा आतंकी जैसा ही बर्ताव: पुलिस
देविंदर सिंह की गिरफ्तारी के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि पुलिस सिंह के साथ आतंकियों जैसा ही सलूक कर रही है और उनसे पूछताछ जारी है. शनिवार 11 जनवरी की रात जम्मू नेशनल हाईवे से एक कार में 2 आतंकियों के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी को हिरासत में लिया गया था. इनके साथ ही एक स्थानीय एडवोकेट को भी हिरासत में लिया गया था.
चारों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट, एक्सप्लोसिव एक्ट और गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम (UAPA) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है और कई एजेंसियां इनसे पूछताछ कर रही हैं.
देविंदर सिंह का अफजल गुरू से था संबंध?
देविंदर सिंह के मामले पर बवाल के बीच 2001 संसद हमला मामले में फांसी पर लटकाए जा चुके अफजल गुरू का भी उनके साथ कनेक्शन सामने आ रहा है.
'द वायर' की रिपोर्ट के मुताबिक, अफजल गुरू ने अपने एक खत में एक पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह का नाम लिया था, लेकिन उनकी संसद हमले में भूमिका की कोई जांच नहीं हुई थी.
सिंह के हिरासत में लिए जाने की खबर के बाद सोशल एक्टिविस्ट कविता कृष्णन ने भी ट्विटर पर लिखा कि अफजल ने अपने खत में देविंदर सिंह नाम के अधिकारी का जिक्र किया था और अब सिंह के 'आतंकियों के साथ पकड़े जाने की खबर आई है."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)