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J&K: सेना ने पुंछ में 3 नागरिकों की कथित हिरासत में मौत की जांच के आदेश दिए

Jammu-Kashmir: मृतकों के परिवार ने हिरासत में टॉर्चर का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

Published
भारत
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भारतीय सेना (Indian Army) ने सोमवार, 25 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में कथित तौर पर सैन्य हिरासत में तीन नागरिकों की मौत की जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल, पुंछ में सेना के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में चार जवान शहीद हो गए थे. जानकारी के मुताबिक, इसके बाद पूछताछ के लिए तीनों नागरिकों को हिरासत में लिया गया था. ये तीनों नागरिक बाद में मृत पाए गए थे.

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मामला क्या है?

22 दिसंबर को पुंछ जिले के बफलियाज इलाके में नागरिक संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे. उन्हें कथित तौर पर 21 दिसंबर को पुंछ में सैन्य वाहनों पर घात लगाकर किए गए आतंकी हमले के बाद पूछताछ के लिए सेना ने हिरासत में लिया था. बता दें कि आतंकी हमले में सेना के चार जवान शहीद हो गए थे.

समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक व्यक्तियों की पहचान 43 वर्षीय सफीर हुसैन, 27 वर्षीय मोहम्मद शौकत और 32 वर्षीय शब्बीर अहमद के रूप में हुई है. मृतकों के परिवार ने हिरासत में टॉर्चर का आरोप लगाया है. साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

वायरल वीडियो: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला सामने आया है. वीडियो को कथित तौर पर आम नागरिकों को हिरासत में प्रताड़ित करने की बात के साथ शेयर किया गया है. बताया जा रहा है कि पांच अन्य नागरिकों को भी गंभीर चोटों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

ब्रिगेडियर से होगी पूछताछ

सेना ने मामले की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू कर दी है. समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, 13 सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स के ब्रिगेडियर कमांडर को पूछताछ के लिए अटैच किया गया है. इसके साथ ही कहा जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है.

स्थानीय लोगों और राजनीतिक दलों में आक्रोश

इस बीच, कई राजनीतिक दलों और स्थानीय लोगों ने मामले की गहन जांच की मांग करते हुए जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शन किया. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा,

“गृह मंत्री (अमित शाह) को क्षेत्र का दौरा करना चाहिए और लोगों को आश्वस्त करना चाहिए कि इसमें शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी. नागरिकों की हत्या एक दुखद घटना और मानवाधिकारों का उल्लंघन है."

इस बीच, PDP ने दावा किया कि पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को कथित तौर घटना स्थल पर जाने से रोका गया और उन्हें नजरबंद किया गया.

अपनी पार्टी के सदस्यों ने अपने कश्मीर प्रांतीय अध्यक्ष अशरफ मीर के नेतृत्व में घटना के खिलाफ श्रीनगर के चर्च लेन इलाके में विरोध प्रदर्शन किया. मीर ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, "हम मारे गए नागरिकों के लिए न्याय चाहते हैं. मामले की गहनता से जांच की जानी चाहिए."

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