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कश्मीर में मजदूरों की हत्या: परिवार ने कहा, पेट पालने के लिए गांव छोड़ कश्मीर गए

Jammu Kashmir: जिन मजदूरों की हत्या हुई वे सेब की पेटी भरने का काम करते थे.

Published
भारत
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जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में प्रवासी मजदूरों की हत्या से संबंधित मामले लगातार देखे जा रहे हैं. कन्नौज जिले के ठठिया क्षेत्र के सुरसी के दन्नापूरवा निवासी मुनेश और रामसागर दोनों करीब डेढ़ महीने मजदूरी करने के लिए जम्मू-कश्मीर गए हुए थे. वहां पर सेब बेचने का काम करते थे. बीती शाम आतंकियों ने टारगेट किलिंग में दोनो की हत्या कर दी.

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मिली जानकारी के मुताबिक आतंकी हमले में मारे गए लोगों में रामसागर और मुनेश का नाम शामिल है. दोनों व्यक्तियों पर ग्रेनेट से हमला करने के बाद गोलियां दागी गईं.

रामसागर के परिवार में पत्नी मालती देवी के अलावा एक बेटी और दो बेटे हैं. अगर मुनेश की बात की जाए तो उनका 1 बेटा और 2 बेटियां हैं. ऐसे में दोनों व्यक्ति मेहनत मजदूरी कर बमुश्किल अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे थे, लेकिन अब परिवार का वो सदस्य नहीं रहा तो घर चलाता था. आतंकियों ने बड़ी ही निर्दयता से हमला करते हुए दोनों मजदूरों को मौत के घाट उतार दिया. दोनों परिवार अब भीगी आंखों से प्रशासन के सामने मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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जनता में दिख रहा गुस्सा

इस घटना के बाद पूरे कन्नौज जिले में शोक की लहर है. कहीं ना कहीं अब जनता में गुस्सा भी दिखने लगा है. मृतक मुनेश की पत्नी ने कहा कि उनको गए हुए दो महीने हो गए थे, सुबह फोन आया तब हमें हमले की जानकारी मिली.

मृतक मुनेश की पत्नी पुष्पा का कहना है कि उसका पति सोपिया में सेब भरने का काम किया करते थे, गांव के ही रहने वाले पिंटू ने मुनेश और रामसागर को काम में लगाया था, जिससे की घर का गुजारा चलने लगा.

मुनेश को 1 सेब की एक पेटी भरने पर 5 से 7 रुपए तक मिला करते थे. महीने के 5 से 10 हजार रुपए तक की कमाई हो जाती थी, जिससे मुनेश के 3 बच्चे जिसमें 2 बेटी और 1 बेटा व पत्नी का खाना पीना और अन्य जरूरी वस्तुओं की पूर्ति बड़ी मुश्किल से हो पाती थी.

बता दें कि घर के नाम पर एक झोपड़ पट्टी में रहकर काम चलता था. गैस का एक चूल्हा और सिलेंडर से खाना बनाता था. ग्रामीणों ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया है. उनका कहना है कि रोजगार को लेकर यहां कोई व्यवस्था नहीं है किसी सरकारी योजना का लाभ इनको नहीं मिला. प्रधानमंत्री आवास योजना में आवेदन भी किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

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एसडीएम उमाकांत तिवारी ने कहा कि घटना कल रात 11 बजे की है, जैसे ही सूचना मिली हम लोगों ने तुरंत वहां बता की, वहां पर काम करने वाले अन्य कर्मचारियों से मेरी बात हुई है. उन लोगों को आर्मी लेकर गई है सब लोग सुरक्षित हैं.

इन लोगों को बीमा योजना के तहत पांच-पांच लाख रुपए और भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार के तहत जो भी मदद होगी हम लोग परिवार की मदद करने के लिए तैयार हैं.
उमाकांत तिवार, एसडीएम, कन्नौज

(इनपुट- प्रभम श्रीवास्तव)

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