- राइजिंग कश्मीर के एडिटर शुजात बुखारी की गोली मारकर हत्या
- सीएम महबूबा मुफ्ती, बुखारी के परिवारवालों से मिलने पहुंची
- सीएम महबूबा मुफ्ती, राहुल गांधी, राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने शोक जताया
- शुजात बुखारी को उनके दफ्तर के बाहर ही गोली मारी गई
- बुखारी को सिर और पेट में कई गोलियां लगीं जिससे उनकी मौत हुई
- शुजात बुखारी पर 2000 में भी हमला हुआ था जिसके बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई थी
जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में राइजिंग कश्मीर के एडिटर शुजात बुखारी की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. हमले में उनका एसपीओ भी जख्मी हो गया है. आतंकियों ने शुजात बुखारी के ऑफिस के बाहर ही वारदात को अंजाम दिया.
अबतक क्या पता है?
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बुखारी शहर के केंद्र, लाल चौक में प्रेस एंक्लेव स्थित अपने कार्यालय से इफ्तार पार्टी के लिए जा रहे थे. तभी उन पर गोली चलायी गई. उन्होंने बताया कि इस हमले में उनकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं. शुजात बुखारी पर साल 2000 में भी हमला हुआ था जिसके बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई थी.
रो पड़ीं सीएम महबूबा मुफ्ती
कश्मीर में बहुत लंबे वक्त बाद किसी पत्रकार पर आतंकवादियों ने इस तरह हमला किया है. हत्या की निंदा करते हुए जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती रो पड़ीं. टीवी चैनलों पर चल रहे फुटेज में महबूबा वरिष्ठ पत्रकार बुखारी के साथ कुछ दिन पहले हुई अपनी मुलाकात को याद करते हुए रो पड़ीं. अपने आंसुओं को थामने की कोशिश करतीं भावुक महबूबा ने कहा , ‘‘ मैं क्या कह सकती हूं. कुछ दिन पहले ही वह मुझसे मिलने आए थे. '' महबूबा ने ट्वीट किया , ‘‘ शुजात बुखारी के अचानक चले जाने से स्तब्ध और दुखी हूं. आतंकवाद की बुराई ने ईद की पूर्व संध्या पर अपना घिनौना चेहरा दिखाया है. ''
ये एक कायराना हमला था: राजनाथ सिंह
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गहरा शोक जताते हुए कहा कि राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या एक कायराना करतूत है. ये कश्मीर में विचारशील आवाजों को दबाने की कोशिश है वो एक साहसी और निर्भीक पत्रकार थे. '' उन्होंने ट्विटर पर लिखा , ‘‘ उनकी मौत पर बहुत स्तब्ध और दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं उनके शोक संतप्त परिवार के साथ हैं. ''
शुजात बुखारी की मौत से आहत हूं: राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कश्मीर में वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या पर दुख जताते हुए कहा कि बुखारी एक साहसी पत्रकार थे जो जम्मू कश्मीर में शांति के लिए निर्भीक होकर लड़ रहे थे. गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या की खबर सुनकर दुखी हूं. वो बहादुर इंसान थे जो जम्मू-कश्मीर में न्याय और शांति के लिए निर्भीक होकर लड़े. मेरी संवेदना उनके परिवार के लिए है, बुखारी की कमी महसूस होगी.''
प्रेस की आजादी पर हमला है ये करतूत: राठौड़
केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने इसे प्रेस की आजादी पर बड़ा हमला बताया है. उन्होंने कहा कि हमारा बेखौफ मीडिया, लोकतंत्र की बड़ी ताकत है और हम इसे सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है.
हत्या की खबर सुनकर स्तब्ध हूं: राम माधव
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने भी वरिष्ठ पत्रकार की हत्या को आतंकवादियों का एक कायराना कृत्य करार दिया. उन्होंने ट्वीट किया , ‘‘ राइजिंग कश्मीर के एडिटर इन चीफ की श्रीनगर में हत्या की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. आतंकवादियों का ये कृत्य निंदनीय और कायराना है. ''
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा , ‘‘ इतना स्तब्ध हूं कि शब्दों में बयां नहीं कर सकता. शुजात को जन्नत मिले और उनके परिवारवालों को इस मुश्किल घड़ी में ताकत मिले. '' अब्दुल्ला ने बुखारी के साथ ट्विटर पर हुए संवाद की एक स्क्रीनशाट भी पोस्ट की.
केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया , ‘‘ राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की नृशंस हत्या की सूचना पर दुखी हूं. ऐसी विचारशील आवाजों को दबाने का आतंकवादियों का ऐसा प्रयास कभी सफल नहीं होगा. ''
प्रेस की आजादी पर ये एक बड़ा हमला है: एडिटर्स गिल्ड
एडिटर्स गिल्ड ने शुजात बुखारी की हत्या की कड़ी निंदा की. इसे लोकतांत्रिक आवाज और प्रेस की आजादी पर बड़ा हमला बताया.
शुजात पर ये हमला गृहमंत्री राजनाथ सिंह की सुरक्षा समीक्षा बैठक पर कुछ घंटे बाद ही हुआ है. राजनाथ सिंह ने इस माह शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के सिलसिले में बैठक की थी. इन हालातों के बाद जम्मू कश्मीर में जारी युद्धविराम ईद के बाद भी आगे बढ़ाए जाने के आसार कम है. सूत्रों के मुताबिक रमजान पर किया गया युद्ध विराम कल खत्म हो रहा है. युद्धविराम के बाद आतंकवादी वारदात में अचानक तेजी आई है. गृहमंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक रमजान के दौरान आतंकवाद से जुड़े मामलों में 100 परसेंट बढ़ोतरी हुई है.
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