अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति आज से एक बार हरियाणा में आंदोलन शुरू कर रही है. इसके तहत वो प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन करेगी. समिति का नेतृत्व यशपाल मलिक कर रहे हैं.
धरना प्रदर्शन में गुरूग्राम, मेवात और पंचकूला को शामिल नहीं किया गया है. पिछले साल भी समिति ने हरियाणा में आंदोलन किया था, जिसमें बड़े पैमाने पर आगजनी और तोड़ फोड़ हुई थी.
सरकार बरत रही है अतिरिक्त सावधानी
पिछले साल जाट आंदोलन के कारण फजीहत झेल चुकी खट्टर सरकार इस बार अतिरिक्त सावधानी बरत रही है. प्रदेश भर में रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है.
पुलिस प्रशासन के अलावा 7,000 होमागार्ड्स भी मैदान में है. साथ ही केंद्र ने अतिरिक्त सुरक्षा बल भी मौजूद कराया है. हरियाणा सरकार ने केंद्र से पैरा मिलिट्री फोर्स की 55 कंपनियों की मांग की थी. इनमें से 37 कंपनियां आ चुकी हैं. प्रशासन ने सोशल मीडिया पर भी भड़काऊ चीजें लिखने के खिलाफ लोगों को चेतावनी दी है.
दस जिलो में धारा 144 लागू कर दी गई है. इनमें रोहतक, झज्जर, सोनीपत, जींद और हिसार शामिल हैं. साथ ही मुनक नहर की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है. पिछले साल प्रदर्शनकारियों ने इस नहर को बंद कर दिया था जिससे दिल्ली में पानी की सप्लाई बंद हो गई थी.
पिछले साल जाट आंदोलन में प्रदर्शनकारियों से हुई झड़प में 30 लोगों की भी मौत हो गई थी. साथ ही अरबों रुपये की संपत्ति का नुकसान भी हुआ था.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)