पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली और आसपास के इलाके में प्रदूषण की बेहद गंभीर समस्या से निपटने के लिए मिल कर कदम उठाने की अपील की है. जावेड़कर ने कहा कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता सुधारने और स्मॉग खत्म करने के लिए सभी एजेंसियों के 'ज्वाइंट एक्शन' की जरूरत है.
‘यह आरोप-प्रत्यारोप का वक्त नहीं’
जावड़ेकर ने कहा कि यह एजेंसियों के एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का वक्त नहीं है. दिल्ली का प्रदूषण इस शहर की समस्या नहीं है. यहां की हवा 1990 के दशक से ही खराब हो रही है. हर दिन हालात बदल रहे हैं और इस हिसाब से नई चुनौतियां भी पैदा हो रही हैं. हमने औद्योगिक प्रदूषण, कंस्ट्रक्शन कचरा और धूल खत्म करने के लिए लगातार कदम उठाए हैं. लेकिन यह लंबा और निरंतर चलने वाला काम है.
जावड़ेकर ने कहा दिल्ली के प्रदूषण को खत्म करने के लिए सभी को मिल कर काम करना होगा. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, दिल्ली की सरकारों को मिलकर काम करना होगा. साथ ही एमसीडी, एनडीएमसी और डीडीए समेत सभी एजेंसियों को साथ देना होगा.
उन्होंने कहा कि सरकार प्रदूषण के मामले में बेहद गंभीर है. यह ऐसा मुद्दा है जिस पर सबको सोचने की जरूरत है. यह एक दूसरे पर आरोप मढ़ने का वक्त नहीं है.
प्रदूषण पर आला अफसरों का लापरवाह रवैया
एक तरह जावड़ेकर ने प्रदूषण से मिल कर लड़ने की बात लेकिन दूसरी ओर राजधानी दिल्ली में प्रदूषण पर बुलाई गई एक हाई लेवल मीटिंग में कई आला अधिकारी पहुंचे ही नहीं. इस मीटिंग में पर्यावरण मंत्रालय से लेकर डीडीए और एमसीडी के अधिकारियों को शामिल होना था.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक संसदीय पैनल की मीटिंग में मंत्रालय और एमसीडी के कई अफसर गायब रहे. इसमें बताया गया है कि अर्बन डेवलेपमेंट पर बनाई गई स्टैंडिंग कमेटी ने अधिकारियों के इस रवैये पर नाराजगी जताई है. साथ ही उन्होंने बैठक में पहुंचे जूनियर अफसरों के जरिए सीनियर अफसरों तक ये मैसेज पहुंचाया कि उन्हें ऐसी मीटिंग में शामिल होना ही होगा. प्रदूषण को लेकर बुलाई गई इस बैठक में भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के ही टॉप अफसरों ने पहुंचना मुनासिब नहीं समझा. इस बैठक से डीडीए, दिल्ली एमसीडी और मंत्रालय के बड़े अधिकारी गायब थे.
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