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राहुल, ममता, सोनू सूद से ग्रेटा तक, JEE-NEET परीक्षा का विरोध तेज

NEET, JEE परीक्षाओं को लेकर चारों तरफ से विरोध

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भारत
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NEET और JEE परीक्षाओं को लेकर तमाम विरोध के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने एक बार फिर साफ किया है कि परीक्षा की तारीखों में कोई बदलाव नहीं होगा. एनटीए ने बताया है कि जेईई (मेन) परीक्षा 1 से लेकर 6 सितंबर और NEET परीक्षा पहले तय की गई तारीख 13 सितंबर को आयोजित होगी. एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करने वाली एजेंसी की तरफ से ये बयान तब आया है जब देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी इस परीक्षा का विरोध हो रहा है. तमाम नेताओं और सेलिब्रिटीज ने भी सरकार से अपील की है कि NEET परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाया जाए.

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नेताओं ने उठाई आवाज

नीट परीक्षा के खिलाफ विपक्षी नेता लगातार आवाज उठा रहे हैं. उनकी मांग है कि जब तमाम परीक्षाओं को कोरोना के चलते रद्द कर दिया गया या फिर टाल दिया गया तो ऐसे में नीट परीक्षा को भी टाला जाना चाहिए. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सरकार से कहा कि वो छात्रों की बात सुने. उन्होंने ट्विटर पर लिखा था,

“आज हमारे लाखों छात्र सरकार से कुछ कह रहे हैं. NEET, JEE परीक्षा के बारे में उनकी बात सुनी जानी चाहिए और सरकार को एक सार्थक हल निकालना चाहिए.”

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी नीट-जेईई परीक्षाओं को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि, "छात्रों की अन्य समस्याओं और परीक्षाओं जैसी समस्याओं के साथ लापरवाही से निपटा जा रहा है."

ममता ने लगातार दूसरी बार की अपील

राहुल गांधी के अलावा पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी लगातार इस परीक्षा का विरोध कर रही हैं. उन्होंने इसके लिए पीएम मोदी को लेटर भी लिखा. ममता ने एक बार फिर इस मुद्दे को उठाया है और कहा कि, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ हमारी पिछली वीडियो कॉन्फ्रेंस में, मैंने सितंबर 2020 के अंत तक विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में टर्मिनल परीक्षाओं को पूरा कराने के यूजीसी दिशा निर्देशों के खिलाफ बोला था, जिससे छात्रों का जीवन खतरे में आने की आशंका थी."

ममता ने कहा कि परीक्षा तब तक आयोजित नहीं की जानी चाहिए जब तक स्थिति फिर से सामान्य नहीं हो जाती. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर परीक्षाएं निर्धारित समय पर कराई जाती हैं तो इससे छात्रों को कोविड-19 महामारी की चपेट में आने का खतरा होगा.

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आम आदमी पार्टी की विधायक और दिल्ली में एजुकेशन मॉडल के लिए पहचानी जाने वालीं आतिशी मार्लेना ने भी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि JEE-NEET को लेकर सरकार को फैसला लेना होगा, न कि छात्रों को. इसके विकल्प तलाशने जरूरी हैं. क्योंकि दोनों तरफ से छात्र फंसे हुए हैं.

एनडीए की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान न भी JEE-NEET परीक्षाओं को टालने को लेकर सीएम नीतीश कुमार को लेटर लिखा है. उन्होंने कहा है कि नीतीश कोरोना और बाढ़ के चलते केंद्र से इन परीक्षाओं को स्थगित करने की अपील करे.

सोनू सूद बोले- टालें जाएं JEE-NEET एग्जाम

बॉलीवुड एक्टर और कोरोना काल में गरीबों के मददगार सोनू सूद ने भी छात्रों का समर्थन किया है और सरकार से मांग की है कि वो इन परीक्षाओं को स्थगित करे. सोनू सूद ने ट्विटर पर लिखा,

“मेरी सरकार से ये गुजारिश है कि वो मौजूदा हालात को देखते हुए JEE-NEET परीक्षाओं को पोस्टपोन करने का फैसला ले. इस कोरोना काल के हालात में हमें हर बात का खयाल रखना होगा और छात्रों की जिंदगी के साथ रिस्क नहीं लेना होगा.”
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विदेशों से भी विरोध

JEE-NEET परीक्षाओं और छात्रों की समस्याओं को लेकर विदेश से भी अब विरोध शुरू हो चुका है. विदेश में कई छात्र संगठन इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि परीक्षा को टाला जाए. इसके अलावा स्वीडन की क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने भी इन छात्रों के साथ खड़े होने की बात कही है. ग्रेटा ने अपने ट्वीट में लिखा- "ये बिलकुल सही नहीं है कि कोरोना वायरस महामारी के दौर में भारत के छात्रों को एक नेशनल एग्जाम में बैठने के लिए कहा जाता है. और यहां लाखों लोग भीषण बाढ़ से भी प्रभावित हैं, मैं JEE-NEET परीक्षाओं को टालने में इनके समर्थन में खड़ी हूं."

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि मिडिल ईस्ट देशों में नीट परीक्षा के लिए सेंटर बनाए जाने चाहिए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. हालांकि कोर्ट ने कहा कि सरकार ऐसे छात्रों को परीक्षा देने के लिए वंदे भारत मिशन के तहत भारत ला सकती है.

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