अस्थायी रूप से बंद एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज के एक कर्मचारी ने डिप्रेशन के चलते चार मंजिला इमारत की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली. जेट एयरवेज स्टाफ एंड एम्पलॉइज एसोसिएशन ने बताया कि कंपनी के सीनियर टेक्नीशियर शैलेश सिंह (45) ‘आर्थिक दिक्कतों' का सामना कर रहे थे क्योंकि परिचालन बंद करने वाले जेट एयरवेज ने कई महीनों से अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दी है.
हालांकि, पुलिस का कहना है कि कर्मचारी कैंसर से पीड़ित था. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शैलेश सिंह ने शुक्रवार शाम नालासोपारा ईस्ट में स्थित अपनी चार मंजिला इमारत से छलांग लगा दी.
पुलिस का बयान, ‘बीमारी की वजह से डिप्रेशन में थे’
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘वह कैंसर से पीड़ित हैं और उनकी कीमोथेरेपी चल रही थी. प्राथमिक तौर पर ऐसा प्रतीत होता है कि बीमारी की वजह से वह अवसाद में थे.'
पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.
जेट एयरवेज एंप्लॉइज एसोसिएशन का दावा
जेट एयरवेज स्टाफ एंड एम्पलॉइज एसोसिएशन ने बताया कि सिंह ‘आर्थिक दिक्कतों' का सामना कर रहे थे क्योंकि परिचालन बंद करने वाले जेट एयरवेज ने कई महीनों से अपने कर्मचारियों की सैलरी नहीं दी थी. एसोसिएशन ने दावा किया कि एयरलाइन के ऑपरेशन बंद करने के बाद कर्मचारी की आत्महत्या का यह पहला मामला है. सिंह के परिवार में पत्नी, दो बेटे और दो बेटियां हैं.
बताया जा रहा है कि परिवार में आर्थिक संकट की वजह यह भी थी कि पिता और पुत्र दोनों ही जेट एयरवेज में कार्यरत थे. शैलेश सिंह का बेटा कंपनी के ऑपरेशंस डिपार्टमेंट में काम करता था.
बता दें कि जेट एयरवेज के करीब 20,000 एंप्लॉइज को कई महीनों से सैलरी नहीं मिल सकी है. यही नहीं ऑपरेशंस के लिए फंड्स की कमी के चलते कंपनी ने विमानों को भी जमीन पर उतार लिया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)