जेट एयरवेज बुधवार रात से अस्थायी रूप से अपनी सभी उड़ानें स्थगित कर देगी. यह फैसला उसने ऑपरेशन के लिए जरूरी मिनिमम इंटरिम फंड 400 करोड़ रुपये जुटाने में विफल रहने पर लिया है. जेट एयरवेज एयरलाइन की आखिरी उड़ान करीब 10.30 बजे रात में रवाना होगी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एयरलाइन को वित्तीय नुकसान ने तबाह कर दिया है. इसके अलावा स्थायी तौर पर कर्जदाताओं ने 400 करोड़ रुपये में का फाइनेंस करने से इनकार कर दिया है.
जेट एयरवेज की फ्लाइट 9W 2502 अमृतसर-मुंबई-दिल्ली आखिरी उड़ान होगी. इसके आधी रात को उतरने की उम्मीद है.
अंधेरे में 16,000 कर्मचारियों का भविष्य
जेट एयरवेज की उड़ाने बंद होने का सीधा असर एयरलाइंस के 16,000 से ज्यादा कर्मचारियों पर पड़ेगा. क्योंकि उड़ाने बंद होने से 26 साल पुरानी एयरलाइन के अस्थायी तौर पर बंद होने से उनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा.
जेट एयरवेज के सीनियर कमांडर असीम वालियानी ने बताया कि एयरलाइंस के पायलटों को बीते साढ़े तीन महीनों से कोई सेलरी नहीं मिली है. इसके अलावा बाकी कर्मचारियों को एक महीने की सेलरी नहीं मिली है.
इमरजेंसी फंड न मिलने से सभी उड़ानें बंद
एयरलाइन की फिलहाल केवल पांच फ्लाइट्स ऑपरेशनल है, जिसके जरिए 25 उड़ानों का संचालन किया जा रहा है. जेट ने अपने ज्यादातर उड़ानों को पहले ही बंद कर दिया है और उसके बेड़े के 90 फीसदी विमान सेवा में नहीं है. एयरलाइंस से जुड़े सूत्रों ने बताया-
मौजूदा वित्तीय हालातों के मुताबिक, बिना किसी और फाइनेंस के संचालन जारी रखना संभव नहीं है. आज रात से ऑपरेशन बंद हो जाएगा.
जेट पर एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के कंसोर्टियम का 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है. कंपनी के लिए उम्मीद की आखिरी किरण इंटरिम फाइनेंसिंग और उधारदाताओं की शुरू की गई हिस्सेदारी की बिक्री प्रक्रिया को पूरा करना है.
लेनदारों की सरकार के साथ हुई बैठक के नतीजे का इंतजार कर रही नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइन ने अंतराष्ट्रीय उड़ानों को 18 अप्रैल (गुरुवार) तक रद्द कर दिया था. इससे पहले एयरलाइन अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को 15 अप्रैल तक के लिए रद्द कर दिया था.
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