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झारखंड में IPS डॉक्टर अजय कुमार ने कैसे की कांग्रेस की सर्जरी 

झारखंड की कोलेबिरा विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की

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झारखंड में कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने कांग्रेस में नया दिल लगा दिया. IPS अजय कुमार ने कांग्रेस की सर्जरी कैसे की ये जानने के लिए फ्लैशबैक में चलते हैं.

बात करीब 30 साल पुरानी है. उस वक्त झारखंड अलग राज्य नहीं बना था. इंडस्ट्री वाला एकमात्र शहर जमशेदपुर माफिया के आतंक से परेशान था. इंडस्ट्री परेशान, कारोबारी हैरान. तब टाटा स्टील ने बिहार के उस समय के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से कहा कि ऐसा पुलिस अफसर तैनात कीजिए जो इन माफियाओं का इलाज कर दे. लालू ने पटना के एसपी सिटी को जमशेदपुर भेज दिया.

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अब आते हैं 2017 में जब झारखंड में कांग्रेस मुश्किल में फंसी थी. राहुल गांधी की नजर इसी पूर्व IPS अफसर पड़ी. राहुल की सलाह पर झारखंड कांग्रेस की कमान अजय कुमार को मिली और अब असर साफ दिख रहा है. झारखंड में कांग्रेस ने जोरदार वापसी की है. बीजेपी को झटका देते हुए कोलेबीरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जोरदार जीत हासिल की है. ये जीत इसलिए अहम है क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) भी उसके खिलाफ थी.

झारखंड में कांग्रेस और अजय कुमार का उभार

कांग्रेस मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकार छीनने के बाद बीजेपी का एक और किले में सेंध लगाने की तरफ बढ़ रही है. कोलेबीरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव इसका सॉलिड संकेत है. कोलेबिरा सीट की जीत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यहां मुख्य विपक्षी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंड पार्टी की उम्मीदवार मेनन एक्का को समर्थन दिया था. इसके बावजूद बीजेपी 10 हजार वोट से हार गई.

झारखंड के गठन के बाद से कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर स्थापित होने के लिए कोशिश करती रही है. लेकिन पिछले एक साल में कांग्रेस ने जोरदार बाउंस बैक किया है. 2014 के पहले तक कांग्रेस क्षेत्रीय पार्टियों के सहयोगी दल की भूमिका में नजर आती थी.

अजय कुमार ने JVM से शुरू की थी राजनीतिक पारी

अजय कुमार ने अपने सियासी सफर की शुरुआत साल 2010 में बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (JVM) से की थी. 2011 में जमशेदपुर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव में वो JVM से डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से जीते.

अगस्त 2014 में कांग्रेस में शामिल हो गए. फिर उन्हें पार्टी प्रवक्ता बनाया. यहां तार्किक ढंग से बात रखने से उनकी स्थिति और मजबूत हुई. 2017 में उन्हें झारखंड कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया.

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टाटानगर से अपराधियों का सफाया किया था

टाटा स्टील के एमडी जेजे ईरानी के कड़क पुलिस अफसर को नियुक्त किए जाने के अनुरोध पर लालू यादव पटना के सिटी एसपी अजय कुमार को जमशेदपुर एसपी बनाया था.

IPS अफसर के तौर पर डॉ. अजय कुमार के कार्यकाल की मिसालें दी जाती हैं. बिहार के विभाजन से पहले दो बड़े शहरों पटना और जमशेदपुर में तैनाती के दौरान कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने और अपराध को काबू करने के लिए उनकी खूब ख्याति मिली थी.

अजय कुमार जमशेदपुर में साल 1994-1996 तक एसपी रहे. अपराध और अपराधियों के मन में पुलिस और कानून का डर कायम करने में अजय कुमार कामयाब रहे और टाटानगर के स्टार बन गए. रिटायरमेंट लेकर कुछ दिनों तक टाटा मोटर्स में सेवाएं दी और फिर बाद में राजनीति में उतर आए. जमशेदपुर में वो किस कदर लोकप्रिय थे इसका अंदाज इसी से लगा सकते हैं कि वो यहां से लोकसभा चुनाव डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से जीते.

डॉ. अजय कुमार ने साल 1985 में पुडुचेरी के जवाहर लाल इंस्टीट्यूट से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद साल 1986 में वह इंडियन पुलिस सर्विस के लिए चुने गए थे. कुमार मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं.

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