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'हम शर्मिंदा और निराश हैं': दुमका में स्पेनिश रेप सर्वाइवर के लिए बाइकर्स मांग रहीं न्याय

Dumka Gang Rape: एक बाइकर ने कहा- "हम भारत में कहते हैं 'अतिथि देवो भव'. क्या हम भगवान के साथ ऐसा करते हैं?

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भारत
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"मैं लगातार उसके संपर्क में हूं. हर बार जब मैं उससे पूछती हूं कि क्या मैं उसकी मदद कर सकती हूं, या क्या उसे किसी चीज की जरूरत है, तो वह कहती है, 'काश मैं इसे भूल पाती... काश मैं इस याद को मिटा पाती'. उसके साथ जो हुआ उसके बारे में सुनकर मुझे बहुत दुख और गुस्सा आता है."

28 साल की गैंगरेप सर्वाइवर की 28 साल की दोस्त डॉ. मराल यजारलू-पैट्रिक ने ये बातें कहीं. 1 सितंबर को झारखंड के दुमका में कथित तौर पर सात लोगों ने स्पेन की महिला से दुष्कर्म (Dumka Gang rape) किया.

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यह घटना झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 350 किमी दूर कुरमाहाट में हुई. स्पेन की महिला पर्यटक अपने पति के साथ रात को वहां रुकी थी, तभी वारदात हुई. सर्वाइवर अपने स्पेनिश पति के साथ बाइक पर भारत भ्रमण के लिए आईं हैं. महिला पर्यटक एक ट्रैवल व्लॉगर हैं और उनके इंस्टाग्राम पर 200,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं.

झारखंड पुलिस ने अबतक 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, प्रशासन ने सर्वाइवर को 10 लाख रुपये मुआवजा के तौर पर दिया है.

इस वारदात से भारत में महिलाओं के खिलाफ क्राइम को लेकर आक्रोश है. क्विंट ने सर्वाइवर की दोस्तों और साथी बाइकर्स से बात की, जो उनके लिए न्याय की मांग कर रही हैं.

'कल्पना नहीं कर सकती कि वह किस हालात से गुजर रही है'

मोटरसाइकिल चालक डॉ. यजारलू-पैट्रिक का ईरान में जन्म हुआ था, लेकिन वो भारत में बस गईं. द क्विंट से टेलीफोन पर बातचीत में उन्होंने कहा...

"आपके जानने वाले के व्यक्ति के साथ ऐसा होता है तो इसका अलग ही प्रभाव पड़ता है. क्या आप उस दर्द की कल्पना भी कर सकते हैं जिससे वह गुजर रही होगी? जो कुछ हुआ उससे मैं क्रोधित और निराश हूं..."

इस बीच, 21 साल से बाइक टूर पर जा रहीं 35 साल की बाइकर उर्वशी पटोले ने कहा कि उनका "दिल टूट गया है" और वह "अपनी भावनाओं को शब्दों में बयां नहीं कर सकतीं."

"यह कल्पना करना भी बहुत दुखद है कि वह किस दौर से गुजर रही है. यह परेशान करने वाला है... मुझे खुशी है कि वह जीवित है, लेकिन वह जिस दुख और शोक से गुजर रही है, उसकी कल्पना नहीं की जा सकती है. इसके बारे में सोचकर मेरा दिल दुख रहा है ..." पटोले ने ये बातें कही, जो भारत में महिला मोटरसाइकिल चालकों के संगठन, द बिकर्नी के सह-संस्थापक भी हैं.
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झारखंड की रहने वाली एक अन्य बाइकर अनामिका जोसेफ ने कहा कि उन्हें इस बात पर अधिक गुस्सा आया कि यह उनके गृह राज्य में हुआ. "हम भारत में कहते हैं 'अतिथि देवो भव'. क्या हम भगवान के साथ ऐसा करते हैं? मैं ऐसा नहीं सोचती. मुझे इस बात पर अधिक गुस्सा है कि यह मेरे राज्य झारखंड में हुआ है."

1 मार्च को मूल रूप से ब्राजील की रहने वाली स्पेनिश महिला, जो जुलाई 2023 से अपने पति के साथ बाइक पर भारत में यात्रा कर रही थी, उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे दुमका में रुके तो सात लोगों ने उसके साथ मारपीट की और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. सर्वाइवर मूल रूप से ब्राजील की रहनेवाली हैं पर उनके पास स्पेन की भी नागरिकता है. वे स्पेन के ही पासपोर्ट पर भारत आईं हुईं थीं.

अब डिलीट हो चुकी इंस्टाग्राम स्टोरी पर स्पैनिश भाषा में अपनी आपबीती सुनाते हुए सर्वाइवर ने कहा: "हमारे साथ कुछ ऐसा हुआ है कि किसी और के साथ हो, ये हम कभी नहीं चाहेंगे. सात लोगों ने मेरे साथ दुष्कर्म किया है, उन्होंने हमें पीटा है और हमें लूटा, वो मेरा दुष्कर्म करना चाहते थे. हम पुलिस के साथ अस्पताल में हैं, भारत में आज रात ये हुआ."

झारखंड पुलिस ने बाद में पुष्टि की कि महिला का मेडिकल परीक्षण किया गया था, जिसमें पता चला कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया था.

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'सर्वाइवर को दोष देना हास्यास्पद और समस्याग्रस्त है'

सोशल मीडिया पर सर्वाइवर के लिए बड़े पैमाने पर लोग समर्थन में उतरे. लेकिन, कुछ 'एक्स' यूजर्स ने "रात में जंगलों में घूमने" के लिए सर्वाइवर को दोषी ठहराया.

39 साल की अंतरा खुराना 15 साल से बाइक राइड कर रही हैं. उन्होंने क्विंट से बातचीत में कहा..."यह उलटे सर्वाइवर को दोष देने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है , जिसमें क्राइम या हादसे के सर्वाइवर को उनके साथ जो हुआ, उसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है."

"इस घटना ने मुझे झकझोर कर रख दिया. यह सबसे बुरे सपने की तरह है, लेकिन यह किसी और के साथ हुआ है. मैं इस बारे में कई लोगों से बात कर रही हूं. सबसे भयावह बात यह है कि सामूहिक दुष्कर्म हुआ है, लेकिन समस्या को स्वीकार करने के बजाय मैंने लोगों को पूछते-टिप्पणियां करते देखा है कि वो रात में क्यों कैंप कर रही थी. वो ऐसे भी कमेंट कर रहे थे 'ओह, आप केवल विदेशियों की परवाह करते हैं, लेकिन भारतीयों के साथ भी दुष्कर्म होता है.' ये सब हैरान करने वाले है और हमें परेशान करता है."
अंतरा खुराना

क्विंट ने जिन बाइकर्स से बात की, उन्होंने कहा कि टूर के दौरान रात में कैंप करना उनके लिए आम बात है.

"मुझे लगता है कि किसी और पर फैसला सुनाना बहुत आसान है. ये टूर कर रहे उन लोगों (सर्वाइवर) और उनके साथी के लिए इतने लंबे टूर पर कैंप करना आम बात है. हम सभी, जिनमें वे भी शामिल हैं, पता लगाते हैं कि निकटतम मुख्य सड़क कहां है, जनरल शॉप कहां हैं. यहां तक ​​कि जब मैं कैंप करती हूं, तो मुझे हमेशा पता होता है कि मुझे कहां नेटवर्क मिलता है और कहां नहीं. इस तरह के बयान देना गलत है". पटोले ने सोशल मीडिया यूजर्स के कमेंट पर कहा.

हालांकि, पटोले ने कहा कि ऑनलाइन बैठे लोगों से बहस करने का कोई मतलब नहीं है. "हमारे पास अपने दोस्तों की सुरक्षा और भलाई के बारे में चिंता करने जैसी कई और महत्वपूर्ण चीजें हैं. इन टिप्पणियों और ऑनलाइन ट्रोल्स पर बहस करने का कोई मतलब नहीं है. मैंने कई लोगों को जवाब देना बंद कर दिया है."

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"आपको यह स्वीकार करना चाहिए कि सिस्टम में कुछ गड़बड़ी है. यदि आप किसी चीज का आह्वान कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आप विशेष उदाहरण की बात कर रहे हैं. रात में बाहर रहने के लिए सर्वाइवर को दोष न दें. आपको सवाल करना चाहिए कि आरोपी ने क्या किया?'' जोसफ ने आगे कहा.

' यह विदेशी या भारत के बारे में नहीं है, एक महिला के साथ क्या हुआ, ये उसके बारे में है'

इस बीच, सोशल मीडिया पर बहुत सी चर्चाओं में इस बात को उठाया गया कि "भारत में महिलाओं को अकेले यात्रा करने देना कितना असुरक्षित है."

उनमें से एक, लेखक डेविड जोसेफ वोलोड्जको ने कहा कि कई साल तक भारत में रहने के दौरान उन्होंने "आक्रमण यौन व्यवहार" देखा, जो उन्होंने पहले कभी कहीं नहीं देखा था.

Dumka Gang Rape: एक बाइकर ने कहा- "हम भारत में कहते हैं 'अतिथि देवो भव'. क्या हम भगवान के साथ ऐसा करते हैं?

उनके पोस्ट पर अलग-अलग रिएक्शन आए. जिनमें से कुछ ने सहमति व्यक्त की और कई ने वोलोड्जको पर ही पोस्ट के जरिए हमले किए. इसमें राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा भी शामिल थीं, जिन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को देश को बदनाम करने के बराबर बताया.

शर्मा ने लिखा-

"क्या आपने कभी पुलिस को घटना की सूचना दी? यदि नहीं, तो आप पूरी तरह से एक गैर-जिम्मेदार व्यक्ति हैं. केवल सोशल मीडिया पर लिखना और पूरे देश को बदनाम करना अच्छी च्वाइस नहीं है."

"अगर आपको सोचना पड़ता है कि आपको क्या पहनना है, कहां बाहर जाना है, रात में कब बाहर जाना है, जिससे दुष्कर्म न हो तो यही मुख्य मुद्दा है... कुछ लोग कह रहे हैं कि यह हर देश में हो रहा है. यह विदेशियों या भारतीय के बारे में नहीं है. यह इस बारे में है कि एक महिला के साथ क्या हुआ. यह हर उस महिला के लिए न्याय के बारे में है, जिसके साथ दुष्कर्म हुआ है."
डॉ. यजारलू-पैट्रिक
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"जब मैंने रेखा शर्मा की टिप्पणी पढ़ी, तो मुझे बहुत गुस्सा आया. आपको हमारी रक्षा करनी चाहिए. यह वह उदाहरण है जो आप दुनिया को दिखा रहे हैं. हमेशा महिलाओं की गलती होती है. ऐसा लगता है जैसे सारी गलती हमारी है, दुष्कर्मियों की नहीं,” खुराना ने कहा.

'अब अंदर एक डर होगा': बाइकर्स

डॉ. यजारलू-पैट्रिक ने द क्विंट को बताया कि अगली बार जब कोई सड़क पर निकलेगा, तो "उन्हें अतिरिक्त सतर्क रहना होगा."

"जब ऐसा कुछ होता है, तो थोड़ा डर होगा. अगली बार जब मैं सड़क पर जाना चाहूंगी, तो मेरे पति दो बार सोचेंगे. मैं दो दिनों में पूर्वोत्तर जा रही हूं पर हां बेशक, यह मुझे नहीं रोकेगा...." डॉ. मराल यजारलू-पैट्रिक

खुराना ने स्वीकार किया कि बाइक पर अकेले यात्रा करते सीधे तौर पर तो नहीं पर मन में एक डर था. "मुझे पता है कि अधिकांश महिला बाइकर्स अपने रूट को लेकर सावधानीपूर्वक प्लान करती हैं क्योंकि वे देर रात तक बाइक चलाना नहीं चाहती हैं."

"ऐसा होते देखना दिल तोड़ने वाला है क्योंकि हम महिलाओं को प्रेरित करने की कोशिश कर रहे हैं. हमने अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करने के लिए अपने सदस्यों को पूरे देश में घुमाया है. यहां तक ​​कि (सर्वाइवर) ने भी कहा है, 'भारत है असुरक्षित है, इसे जेनरलाइज मत करो...' आप एक घटना को लेकर यह नहीं कह सकते कि अभियान खतरनाक है. यह घटना दुखद थी लेकिन हम दंपति को न्याय दिलाने में सहयोग देने के लिए अपना 100% प्रयास कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि अपराधियों को पकड़ा जाए..साथ ही, हम लोगों को यह बताना चाहते हैं कि जब आप अपने सपनों का पीछा कर रहे हों तो आपके दिल में तुरंत डर नहीं होना चाहिए''
उर्वशी पटोले, बाइकर
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"महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी महिलाओं पर नहीं होनी चाहिए - सिस्टम पर होनी चाहिए. मेरा मानना ​​है कि बहुत सी चीजें साथ-साथ चलती हैं, सम्मान इन सबका आधार है, और फिर सामाजिक और कानूनी और फिर अगर बहुत बुरा होता है तो ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून को भी पर्याप्त सख्त होना चाहिए, " अपनी बात खत्म करते हुए खुराना ने ये बातें कहीं.

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