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हेमंत सोरेन ने ली सीएम पद की शपथ, बने झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने 46 साल के इतिहास में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है,

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हेमंत शोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री बन गए हैं. झारखंड के मोरहाबादी मैदान में उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. हेमंत सोरेन के साथ कांग्रेस के आलमवीर आलम, रामेश्वर उरांव और आरजेडी के सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली. इस मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर, शरद यादव, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव भी मौजूद थे.

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इन मंत्रियों ने ली शपथ

आलमवीर आलम

कांग्रेस के आलमवीर आलम ने भी मंत्री पद की शपथ ली. आलमवीर झारखंड में कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक हैं.

रामेश्वर उरांव

झारखंड काग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने मंत्री पद की शपथ ली. रामेश्वर झारखंड की लोहरदगा सीट से जीत कर आए हैं. वो मनमोहन सरकार में राज्यमंत्री भी रह चुके हैं.

सत्यानंद भोक्ता

आरजेडी के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली. सत्यानंद झारखंड से आरजेडी के इकलौते विधायक हैं. वो 2014 तक बीजेपी में थे.

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झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक पांच चरणों में हुए विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले विपक्षी जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन ने विधानसभा की 81 सीटों में से 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था. चुनाव में जेएमएम को 30 सीटें मिली थीं. वहीं, कांग्रेस के हिस्से 16 सीटें और आरजेडी के हिस्से केवल 1 सीट आई थी.

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने 46 साल के इतिहास में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया है, बीजेपी के मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने गढ़ जमशेदपुर पूर्व में हार गये हैं. दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने 44 वर्षीय हेमंत सोरेन के लिए यह बड़ा मौका है. कुछ महीने ही हुए हैं जब जेएमएम-कांग्रेस-जेवीएम(पी)-आरजेडी महागठबंधन को लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने करारी शिकस्त दी थी. बहुत कम लोगों को उम्मीद थी कि जेएमएम विधानसभा चुनावों में बाजी पलट सकता हैं.

लेकिन बाजी पलट गयी, धीमे से, मगर ये सोरेन के केंद्रित अभियान के कारण हुआ और जेएमएम ने हाई प्रोफाइल प्रशांत किशोर जैसी हस्ती के बगैर या बिना किसी पीआर फर्म को किराए पर रखे ही यह कर दिखाया. तो कैसे इन्होंने यह सब किया?

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