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Jharkhand Money Laundering: हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा गिरफ्तार

देर शाम ईडी ने पंकज मिश्रा को जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार किया, देखिए उनसे क्या सवाल किये गये?

Published
भारत
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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा (Pankaj Mishra arrest) को अवैध खनन और टेंडर मैनेज करने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ED ने गिरफ्तार कर लिया. दो बार समन में गैरहाजिर होने के बाद पंकज मिश्रा 19 जुलाई की सुबह 10.30 बजे ईडी के जोनल ऑफिस पहुंचे थे. देर शाम ईडी ने पंकज मिश्रा को जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.

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इससे पहले पूरे दिन संताल परगना में अवैध खनन के जरिए 100 करोड़ से ज्यादा की अवैध कमाई और टेंडर मैनेज करने से जुड़े खेल में पंकज मिश्रा से ईडी ने पूछताछ की. मंगलवार 19 जुलाई को ईडी ने पंकज व उनके खास सहयोगी दाहू यादव को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की योजना बनायी थी. लेकिन 19 जुलाई को दाहू यादव एजेंसी के सामने हाजिर नहीं हुआ.

दाहू यादव के वकील शशिकांत जायसवाल ईडी जोनल कार्यालय पहुंचे और बताया कि दाहू यादव की मां की तबीयत बिगड़ गई है. ऐसे में वह एजेंसी के सामने हाजिर नहीं हो सकते. बीते दिनों ईडी ने लगातार दाहू यादव और बच्चू यादव से पूछताछ की थी. गौरतलब है कि मनरेगा घोटाले में ईडी ने आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल व उनके करीबी सीए सुमन कुमार को 19.76 करोड़ कैश के साथ गिरफ्तार किया था.

इस मामले में जांच के तार अवैध खनन से जुड़े थे. ईडी ने आधिकारिक तौर पर बताया कि बरामद पैसों का बड़ा हिस्सा राज्य के सीनियर ब्यूरोक्रेट्स और राजनेताओं का है.

जांच में पंकज मिश्रा को संताल परगना में वनक्षेत्र में अवैध खनन कराने व पूरे अवैध खनन का मास्टरमाइंड माना गया था.

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वायरल ऑडियो सुनाकर पूछा, आवाज किसकी?

बीते साल जून में टेंडर प्रक्रिया में शामिल नहीं होने को लेकर पंकज मिश्रा ने पाकुड़ के ठेकेदार शंभूनंदन प्रसाद को फोन किया था. इस बातचीत में कथित तौर पर मंत्री आलमगीर आलम की भी आवाज थी. ईडी के अधिकारियों ने पंकज मिश्रा को ऑडियो सुनाकर पूछा कि यह आवाज किसकी है, साथ ही वह क्यों टेंडर को प्रभावित करना चाहते थे.

कारोबार, अवैध खनन और अचानक बढ़ी संपत्ति पर पूछे सवाल

ईडी ने पंकज मिश्रा से उनके कारोबारी हितों के बारे में पूछा. पंकज मिश्रा ने ईडी को बताया कि वह राजनीतिक व्यक्ति हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपनी राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग नहीं किया. ईडी ने पूछा कि अचानक बीते सालों में उनकी संपत्ति कैसे बढ़ी.

अवैध खनन और गंगा के रास्ते खनिजों की अवैध ढुलाई के संबंध में भी सवाल पूछे गए. ईडी ने पूछा कि कैसे उन्होंने बीते सालों में अपने-अपने करीबियों व साझेदारों के नाम पर संपत्ति जुटाई. ईडी ने इससे संबंधित दस्तावेज दिखाए और कई सवाल पूछे. कटिहार में एक स्कूल में निवेश के संबंध में भी सवाल पूछे गए. हालांकि अधिकांश मामलों में पंकज मिश्रा ईडी के सवालों को टालते रहे.

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ED मान रही पंकज मिश्रा को संताल में अवैध खनन का मास्टरमाइंड

ईडी ने अबतक की जांच में माना है कि संताल परगना में अवैध खनन के जरिए 100 करोड़ से अधिक की कमाई हुई है. पंकज मिश्रा को ईडी ने अवैध खनन का मास्टरमाइंड माना है. ईडी ने इस मामले में पंकज मश्रिा व उनके कारोबारी साझेदारों की 11.88 करोड़ बैंक में जमा राशि, छापेमारी के दौरान जब्त 5.34 करोड़ नकदी राशि भी जब्त की है, वहीं पांच क्रशर प्लांट को सील किया गया है.

कब कब पंकज मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई?

  • 8 जुलाई को पंकज मिश्रा समेत 14 लोगों के 19 ठिकानों पर छापा. ईडी को 5.34 करोड़ कैश, पांच जिंदा गोलियां मिलीं. निवेश संबंधी दस्तावेज भी मिले.

  • 12 जुलाई को पंकज मिश्रा को समन देकर हाजिर होने का निर्देश दिया गया. इसी दिन साहिबगंज में वह सूर्या अस्पताल में बीमारी की बात कह एडमिट हुए. हालांकि सहयोगी बच्चू यादव और कारोबारी संजय दीवान ईडी कार्यालय आए.

  • 15 जुलाई को दूसरे नोटिस पर भी पंकज मिश्रा हाजिर नहीं हुए, उनके राइट हैंड माने जाने वाले दाहू यादव, बच्चू यादव से ईडी ने पूछताछ की.

बढ़ा दी गई थी ईडी कार्यालय की सुरक्षा

पंकज मिश्रा मंगलवार को दिन के 10.30 बजे ईडी जोनल ऑफिस पहुंचे थे. उनके हाथ में कई कागजात भी थे.

पंकज मिश्रा के ईडी कार्यालय पहुंचने के बाद यहां सुरक्षा बढ़ाकर अतिरिक्त सीआरपीएफ जवानों की तैनाती की गई थी.

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