झारखंड के रांची में प्रदर्शन कर रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने डंडे बरसाए हैं. इन महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का ये 40वां दिन था. ये महिलाएं 13 दिन से भूख हड़ताल पर थीं, रांची में राजभवन के पास चल रहे प्रदर्शन का ये वीडियो आप देख सकते हैं.
वीडियो में एक भी महिला पुलिसकर्मी नहीं दिखाई दे रही है. साथ ही एक पुलिसकर्मी महिला प्रदर्शनकारी को डंडे से पीटता भी देखा जा सकता है.
25 सिंतबर को क्विंट ने रांची के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल से बात की, तो उन्होंने बताया कि हमने रांची के एसएसपी अनीष गुप्ता को निर्देश दिया है कि पूरे मामले की सही तरीके से जांच करें. उसके बाद हम इस मामले में आगे का कार्रवाई करेंगे.
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आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग क्या है?
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए. तब तक सेविकाओं को 18,000 रुपये और सहायकों को 9,000 रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए.
- मिनी आंगनवाड़ी सेविकाओं के साथ उसी तरह से व्यवहार किया जाना चाहिए जिस तरह से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ किया जाता है.
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रमोशन देते समय उम्र सीमा की बाध्यता को खत्म करना.
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट मिलनी चाहिए
- बिहार सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की रिटायरमेंट उम्र 60 से बढ़ाकर 65 साल कर दी है, ऐसा ही झारखंड में भी होना चाहिए. रिटायरमेंट के वक्त सेविकाओं को 5 लाख रुपये और सहायकों को 3 लाख रुपये मिलने चाहिए.
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस के ऐसे व्यवहार को लेकर द क्विंट ने झारखंड के डीजीपी कमल नयन चौबे से संपर्क किया. लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिल सका है. जवाब मिलते ही रिपोर्ट अपडेट की जाएगी.
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