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जिगिशा मर्डर केस: दो को फांसी, एक को मिली उम्रकैद की सजा

2009 में हुए जिगिशा मर्डर केस में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 2 को फांसी और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई है. 

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भारत
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2009 में हुए जिगिशा मर्डर केस में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. दिल्ली की साकेत कोर्ट ने दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि एक अन्य को उम्रकैद दी गई है.

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने जिगिशा मर्डर केस में 7 साल बाद मामले के तीन दोषियों को सजा सुना दी है. 2009 के इस मामले में रवि कपूर और अमित शुक्ला को फांसी और बलजीत मलिक को उम्रकैद दी गई है. मार्च 2009 में आईटी प्रोफेशनल जिगिशा घोष के साथ लूटपाट के बाद मर्डर कर दिया था.

मामला ‘रेयर ऑफ द रेयरेस्ट’

कोर्ट ने अपने फैसले में इस मामले को ‘रेयर ऑफ द रेयरेस्ट’ करार दिया. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों ने केवल मजे के लिए जिगिशा की हत्या की.

महिलाओं के साथ जिस तरह से अत्याचार और आपराधिक घटनाएं हो रही हैं, उन पर लगाम लगाने के लिए दोषियों को कड़ी सजा सुनाया जाना जरूरी था.​
साकेत कोर्ट

पिछले महीने ही ठहराया था दोषी

14 जुलाई को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने रवि कपूर, अमित शुक्ला और बलजीत सिंह मलिक को IPC के तहत हत्या, अपहरण, लूटपाट, फर्जीवाड़े के अपराधों का दोषी ठहराया था.

कोर्ट के फैसले पर जिगिशा की मां ने खुशी जताई. उन्होंने कहा कि कोर्ट से उन्हें न्याय मिला है.

क्या था मामला

7 साल पहले आईटी प्रोफेशनल जिगिशा का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी. जिगिशा को ऑफिस से लौटते समय सुबह 4 बजे बसंत विहार एरिया में उनके घर के बाहर से किडनैप किया गया था. इसके बाद आरोपियों ने जिगिशा के एटीएम और क्रेडिट कार्ड का यूज करते हुए सरोजनी नगर मार्केट से खरीदारी की.

हरियाणा में सूरजकुंड के पास एक जगह से हत्या के दो दिन बाद (21 मार्च 2009) जिगिशा का शव बरामद किया गया था.

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