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अनिल से स्पेक्ट्रम डील नहीं हुई तो मुकेश की Jio के लिए मुश्किल

दिल्ली और महाराष्ट्र में मौजूद जियो के लाखों कस्टमर्स को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है,4जी एलटीई में आ सकती है बाधा

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आप जियो कस्टमर हैं तो आपके लिए यह खबर बेहद जरूरी है. अगर रिलायंस जियो अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशन से स्पेक्ट्रम खरीदने को मंजूरी नहीं मिली तो दिल्ली और महाराष्ट्र के जियो कस्टमर्स को मुसीबत उठानी पड़ सकती है.

इससे लोगों को Jio की 4जी सेवाएं लेने में मुश्किल हो सकती है.

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जियो के मार्केट पर असर

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जियो अपने बाजारो में प्रीमियम 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम ब्लॉक बनाने के लिए Rcomm पर निर्भर है. यह बैंड 4जी सेवाओं के लिए बेहद जरूरी है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अब अगर यह डील नहीं होती है तो इससे जियो के मार्केट पर बुरा असर पड़ेगा.

साथ ही दिल्ली, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के जियो यूजर्स के लिए 4G सर्विस की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ेगा.

डील को इसलिए नहीं मिली थी मंजूरी

कुछ ही दिनों पहले टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने रिलायंस कॉम्युनिकेशन (आरकॉम) और रिलायंस जियो इंफोकॉम की डील को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. कहा गया था कि स्पेक्ट्रम को लेकर उनकी डील सरकार की स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग गाइडलाइंस का पालन नहीं करती है. 

आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक सर्कल में जियो के पास 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 4जी एयरवेव्स की 3.8 यूनिट हैं. जियो इस बैंड में एलटीए नेटवर्क के लिए आरकॉम के स्पेक्ट्रम पर ही निर्भर है. अब जब तक यह स्पेक्ट्रम डील नहीं होती है तब तक जियो को आरकॉम का 4जी स्पेक्ट्रम नहीं मिलेगा.

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2017 में हुई थी डील

साल 2017 में एक डील पर साइन किए गए थे, जिसमें आरकॉम को 4जी एयरवेव्स की 122.4 यूनिट्स जियो को बेचने की बात थी. इसमें 800 मेगाहर्ट्ज बैंड एलटीई स्पेक्ट्रम भी शामिल हैं. जिसे सिस्टेमा टेलिसर्विसेज ने खरीदा था, जिसका वेलेडिटी पीरियड भी काफी बड़ा था.

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दिल्ली-मुंबई सहित इन राज्यों पर होगा असर

  • ओडिशा
  • हिमाचल प्रदेश
  • असम
  • गुजरात
  • मध्य प्रदेश
  • बिहार
  • पूर्वोत्तर राज्य
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ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक अगर जियो और आरकॉम के बीच यह डील नहीं होती है तो कई राज्यों में जियो बेहतर 4जी एलटीई सुविधा देने में असफल होगा. जिससे कंपनी को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा.

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