जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में रविवार 19 फरवरी 2023 को छत्रपति शिवाजी की जयंती के मौके पर बवाल हो गया. शिवाजी महाराज की जयंती के मौके पर आरएसएस से संबद्ध रखने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और वाम समर्थित छात्र संगठनों में झड़प हुआ है. दोनों ही संगठन एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.
ABVP ने लेफ्ट विचारधारा वाले छात्रों पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर उनके चित्र को क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाया, वहीं जेएनयू छात्र संघ ने आरोप लगाया कि जब कुछ छात्र IIT बॉम्बे में दलित छात्र दर्शन सोलंकी की कथित तौर पर आत्महत्या से मौत के मामले के लिए न्याय की मांग को लेकर एक मार्च निकाल रहे थे तब एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने छात्रों पर हमला किया. हालांकि एबीवीपी ने इस आरोप से इनकार किया है.
एक दूसरे पर लगा रहे आरोप
दरअसल, जेएनयूएसयू का कहना है कि उन लोगों ने 18 वर्षीय दर्शन सोलंकी के पिता के कहने पर कैंडल मार्च निकाला गया था. दर्शन सोलंकी जो एक अनुसूचित जाति समुदाय से आता था और उसने 12 फरवरी को आईआईटी के पवई परिसर में एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर अपनी जान दे दी थी, लेकिन परिवार का आरोप है कि दर्शन को भेदभाव का सामना करना पड़ा.
जेएनयूएसयू ने आरोप लगाते हुए कहा,
"एबीवीपी ने एक बार फिर छात्रों पर हमला किया है... यह दर्शन सोलंकी के पिता के आह्वान पर कैंडललाइट मार्च के तुरंत बाद किया गया था...जातिगत भेदभाव के खिलाफ आंदोलन को कमजोर करने के लिए एबीवीपी ने ऐसा किया है."
बता दें कि एबीवीपी ने शिवाजी की जयंती पर पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया था. डायस पर शिवाजी की तस्वीर रखकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित कर छात्र उनके जीवन गाथा का स्मरण कर रहे थे. हमले के आरोपों से इनकार करते हुए, एबीवीपी ने "वामपंथी समूह" पर छत्रपति शिवाजी महाराज की तस्वीर से एक माला निकालकर फेंकने का आरोप लगाया. एबीवीपी ने अपने बयान में कहा, "कार्यक्रम के तुरंत बाद, वामपंथी छात्र वहां आए और तस्वीर से माला हटाकर फेंक दी."
ABVP के मुताबिक,
“छत्रपति शिवाजी महाराज के जयंती के मौके पर हमने छात्र गतिविधि केंद्र के बाहर दीवारों पर शिवाजी महाराज का चित्र श्रद्धांजलि के रूप में लगाया था. लेकिन जेएनयू के 'कम्युनिस्टों' को यह हजम नहीं हुआ. '100 फ्लावर्स ग्रुप' के सदस्य और एसएफआई आए और शिवाजी महाराज के चित्र को तोड़ दिया."
फिलहाल छात्रों को समझाकर मामला शांत किया गया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसपर अभी कोई बयान जारी नहीं किया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)