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एक साल बाद भी नहीं मिला JNU छात्र  नजीब, HC ने CBI को लगाई फटकार

नजीब 14 अक्टूबर 2016 से जेएनयू के माही-मांडवी हॉस्टल से रहस्यमय तरीके से लापता है.

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पिछले एक साल से लापता जेएनयू छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी के मामले में सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई है. सीबीआई के धीमी जांच को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि सीबीआई की तरफ से इस मामले में दिलचस्पी की कमी दिखती है.

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सोमवार को हुई सुनवाई में सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में इस पूरे मामले पर स्टेटस रिपोर्ट दी है. स्टेटस रिपोर्ट को देखने के बाद जस्टिस जी एस सिस्तानी और जस्टिस चंद्रशेखर की बेंच ने सीबीआई से कहा कि आप इससे कहीं बेहतर स्टेटस रिपोर्ट सबमिट कर सकते थे.

कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि संदिग्ध का पॉलीग्राफी टेस्ट क्यों नहीं कराया गया है? दिल्ली हाइकोर्ट ने सीबीआई से बेहतर स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है. इससे पहले सीबीआई ने 6 सितंबर को कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी.

जस्टिस जी एस सिस्तानी और जस्टिस चंद्रशेखर की बेंच ने कहा,

सीबीआई की ओर से इस मामले में दिलचस्पी की कमी है. साथ ही इस मामले में अभी तक कोई रिजल्ट नहीं निकला, यहां तक कि कागजों पर भी नहीं.

बता दें कि हाईकोर्ट ने 16 मई 2017 को नजीब मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी.

क्या है पूरा मामला?

नजीब अहमद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी, स्कूल ऑफ बायो टेक्नोलॉजी का स्टूडेंट है. वह 14 अक्टूबर की रात से जेएनयू के हॉस्टल माही-मांडवी से लापता है. नजीब के लापता होने से एक रात पहले कैंपस में उसका झगड़ा हुआ था.

हॉस्टल मेस कमेटी के चुनाव के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के सदस्य हॉस्टल में जाकर चुनाव प्रचार कर रहे थे, तभी नजीब और एबीवीपी के लोगों के बीच-कहा सुनी हो हुई थी. झगड़े के दूसरे दिन से नजीब लापता है.

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