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'जिहादी आतंक, कट्टर धार्मिक आतंकवाद का ही रूप': JNU का नया कोर्स

हाल ही में DU ने महाश्वेता देवी की लघुकथा 'द्रौपदी' को बीए इंग्लिश (ऑनर्स) के कोर्स से हटा दिया था.

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भारत
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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में ड्यूल डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई कर रहे इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के लिए आतंकवाद-निरोध पर एक कोर्स शुरू किया गया है. इस नए कोर्स में कहा गया है कि 'जिहादी आतंकवाद', 'कट्टरपंथी-धार्मिक आतंकवाद' का एकमात्र रूप है.

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कोर्स का टाइटल 'Counter Terrorism, Asymmetric Conflicts and Strategies for Cooperation among Major Powers' (आतंकवाद-निरोध, असममित संघर्ष और प्रमुख शक्तियों के बीच सहयोग के लिए रणनीति) है.

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ये कोर्स इंजीनियरिंग में बैचलर करने के बाद स्पेशलाइजेशन के रूप में इंटरनेशनल रिलेशंस के साथ एमएस की स्टडी करने वाले छात्रों के लिए उपलब्ध होगा.

JNU के टीचर्स एसोसिएशन ने दावा किया कि 17 अगस्त को यूनिवर्सिटी की अकैडमिक काउंसिल की बैठक हुई थी, जिसमें कोर्स को मंजूरी दी गई, लेकिन कोई चर्चा नहीं होने दी गई थी.

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कोर्स के ‘Fundamentalist-religious Terrorism and its Impact’ नाम के एक मॉड्यूल में लिखा है, "जिहादी आतंकवाद के ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक प्रसार के परिणामस्वरूप, गैर-इस्लामिक समाजों में हिंसा में तेजी आई है, जो धर्मनिरपेक्ष हैं और अब हिंसा की चपेट में आ रहे हैं."

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सेंटर फॉर कैनेडियन, यूएस और लैटिन अमेरिकन स्टडीज के चेयरपर्सन अरविंद कुमार ने पब्लिकेशन को बताया कि उन्होंने नया कोर्स डिजाइन किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, 'कट्टरपंथी-धार्मिक आतंकवाद' पर मॉड्यूल में केवल एक धर्म के संदर्भ के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, "क्योंकि इस्लामिक आतंकवाद को विश्व में स्वीकृत किया गया है. तालिबान (अफगानिस्तान पर कब्जे) के बाद, ये अब गति प्राप्त कर चुका है."

उन्होंने आगे कहा, "जहां तक मेरी जानकारी है, मैंने आतंकवाद का इस्तेमाल करने वाले किसी दूसरे धर्म का उदाहरण नहीं देखा है."
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DU ने कोर्स से हटाई महाश्वेता देवी की लघुकथा ‘द्रौपदी’

इससे पहले 24 अगस्त को, दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने साहित्य का बड़ा नाम, महाश्वेता देवी की लघुकथा 'द्रौपदी' को बीए इंग्लिश (ऑनर्स) के कोर्स से हटा दिया. इसे लेकर यूनिवर्सिटी की काफी आलोचना भी हो रही है.

बाद में, यूनिवर्सिटी ने कहा कि कोर्स के लिए उसका सिलेबस 'समावेशी' है, और हटाये गए कंटेंट के संबंध में 'मीडिया के एक वर्ग' द्वारा उजागर किए गए मुद्दों को 'गलत और निराधार' कहा.

DU की निगरानी समिति (OC) ने दो अन्य दलित महिला लेखकों, सुकीरथारिनी और बामा की रचनाओं को भी कोर्स से हटा दिया है.

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