बकरवाल समुदाय से आने वाले एक्टिविस्ट और कठुआ गैंगरेप पर प्रतिरोध के चेहरे तालिब हुसैन पर जेएनयू की एक छात्र ने रेप का आरोप लगाया है. फर्स्ट पोस्ट में एक गुमनाम लड़की ने अपने साथ हुई ज्यादती के बारे में लिखा है. इसमें तालिब हुसैन के नाम का जिक्र नहीं है.
लेकिन आर्टिकल में साफ कहा गया है कि 'कठुआ गैंगरेप प्रोटेस्ट के सेंटर में रहे शख्स, जो अभी रेप के मामले में दो महीने जेल में रहने के बाद बेल पर बाहर आया है, उसने मेरे साथ रेप किया है.' हुसैन की पत्नी की एक रिश्तेदार ने उन पर रेप के आरोप लगाए हैं. आर्टिकल के मुताबिक, हुसैन ने लड़की के साथ साउथ दिल्ली के एक फ्लैट में रेप किया था.
वकील इंदिरा जयसिंह ने किया हुसैन से किनारा
सुप्रीम कोर्ट की सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने एक पब्लिक स्टेटमेंट जारी कर हुसैन के मामले में पैरवी न करने का ऐलान किया है. उन्होंने #MeToo मूवमेंट के समर्थन में ऐसा न करने का फैसला लिया है. उन्होंने लिखा,'पीड़ित ने हांलाकि रेप करने वालेका नाम नहीं लिखा, लेकिन साफ है उसका इशारा तालिब हुसैन की ओर है.' जयसिंह ने आगे लिखा, 'कोई भी वकील केस लेने के बाद छोड़ता नहीं है, लेकिन आर्टिकल में लिखी बातें मेरे लिए केस से हटने के लिए काफी हैं.'
पूर्व जेएनयूएसयू प्रेसिडेंट शहला रशीद ने भी तालिब हुसैन के नाम का जिक्र ट्विटर पर किया. उन्होंने संडे एक्स्प्रेस को बताया, ‘मैं पीड़ित को नहीं जानती, लेकिन आर्टिकल में जो आरोप लगाए गए हैं, वो बेहद सीरियस किस्म के हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. पुलिस को इस पर संज्ञान लेते हुए खुद कार्रवाई करनी चाहिए. पीड़ित के साथ जेएनयू के पूरे छात्र हैं. अगर उसे किसी भी तरह की मदद की जरूरत होती है तो हम में से किसी से भी मदद मांग सकती है.’
कठुआ गैंगरेप के समय चर्चा में आए थे तालिब हुसैन
कठुआ में बकरवाल समुदाय की एक बच्ची के रेप और मर्डर के बाद हुए विरोध प्रदर्शन में तालिब हुसैन ने कई बड़े विरोध प्रदर्शन करवाए थे. इसके बाद हुसैन पर ऊधमपुर में हमला भी हुआ था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई थी.
फर्स्टपोस्ट के आर्टिकल में पीड़ित लिखती है कि जब हुसैन सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा लेने दिल्ली आए थे, तब उन्हें जेएनयू समेत दूसरी यूनिवर्सिटी में बोलने के लिए बुलाया गया था. इसके बाद भी वे जेएनयू आते रहे. इस दौरान उनकी पीड़ित से मुलाकात हुई थी.
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