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JNU के 3 छात्रों का आरोप- भीड़ ने किया हमला, रेप की भी कोशिश 

छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने सूरजकुंड में एफआईआर लिखने की बजाय छात्रों से माफीनामा लिखवाया.

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भारत
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जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के तीन छात्रों ने आरोप लगाया है कि 14 अगस्त की रात हरियाणा के सूरजकुंड इलाके में कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें लाठियों से पीटा. ये तीनों छात्र अपने साथियों के साथ असोला वाल्ड लाइफ सेंक्चुरी की भारद्ववाज झील से लौट रहे थे. तभी रास्ते में रात करीब 9 बजे उनके साथ ये घटना घटी.

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छात्रों का आरोप है कि उन लोगों के ग्रुप में एक लड़की भी थी, जिसके साथ छेड़छाड़ की गई और रेप की धमकी दी गई. पीड़ित छात्रों में से एक दीपांजन दास कुमार ने द क्विंट को बताया कि जब वो लोग सूरजकुंड पुलिस स्टेशन में इस मामले की शिकायत करने गए, तो पुलिस ने उस लड़की को ही कपड़े पहनने के तरीके पर भाषण सुना दिया और पूरे ग्रुप को माफीनामा लिखने के लिए मजबूर किया.

'वो बार-बार मुझे मुसलमान कह रहे थे'

दीपांजन ने द क्विंट को बताया कि उनका सात लोगों का ग्रुप था, जो झील पर घूमने के लिए गए थे. छात्र ने बताया

जब हम सेंचुरी से वापस आ रहे थे, हमें एक आदमी नशे की हालत में मिला और पूछने लगा कि ये महिला हमारे साथ क्या कर रही है. इसके बाद उसने और लोगों को बुलाया और उन्होंने हमें लाठी और लातों से मारना शुरू कर दिया. मैने दाढ़ी बढ़ा रखी थी, तो उन्होंने मुझे मुसलमान कहना शुरू कर दिया. उन लोगों ने मेरे दोस्त को भी बहुत बुरी-बुरी गालियां दी.
दीपांजन दास कुमार

छात्रों का आरोप है कि उन आदमियों ने उनकी दोस्त को छेड़ा, उसके साथ मारपीट की और रेप की कोशिश भी की.

वो हमें लगातार मारते रहे. वो हमें ‘गाय चोर’ कह रहे थे. हम जानते थे कि ये हमला जाति और धर्म के आधार पर हो रहा है. इस सब के बीच में मेरे दूसरे दोस्तों ने मदद के लिए फोन किए. लगभग एक घंटे बाद दो आदमी हमें बचाने के लिए आए.
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    पीड़ित छात्र की शिकायत (फोटो: द क्विंट)
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    पीड़ित छात्र की शिकायत (फोटो: द क्विंट)

पुलिस वाले देने लगे नैतिक ज्ञान

छात्रों का कहना है कि वहां से किसी तरह बचने के बाद जब वो लोग दिल्ली लौट रहे थे, तो उन्होंने रास्ते में खड़ी एक पुलिस की पीसीआर वैन को अपनी आपबीती बताई. लेकिन पुलिस वालों ने कहा कि ये मामला सूरजकुंज इलाके में आता है. इसके बाद हम सूरजकुंड पुलिस स्टेशन पहुंचे.

दीपांजन ने क्विंट को बताया, ''वहां पुलिस अधिकारी ने हमें तंग किया. उन्होंने मेरे दोस्त के कपड़ों पर कमेंट किया और कहा कि ये तेरा कपड़ा छीना हुआ है या इतना ही है. पुलिसवालों ने कहा कि ये इंग्लैंड का फ्री सेक्स का कल्चर जेल में करवाते हैं.''

छात्रों का आरोप है कि पुलिसवालों ने शिकायत दर्ज करने के बजाय, उनसे माफीनामा लिखवाया. उन्होंने कहा कि हम सेंक्चुरी घूमने के लिए गए थे, खो गए और उसके बाद पुलिस ने हमें बचाया. हमें समझ नहीं आ रहा था कि हम क्या करें.

अगले दिन छात्र वसंतकुंज पुलिस स्टेशन में जीरो FIR कराने पहुंचे. जहां से उन्होंने केस को सूरजकुंड पुलिस स्टेशन ट्रांसफर कर दिया.

दीपांजन ने बताया कि दर्ज की शिकायत में जान से मारने और रेप की कोशिश के चार्ज नहीं लगाए गए हैं, इसलिए अब मामले को एसीपी के स्तर तक ले जाएंगे.

'हम चाहते हैं कि दोषियों को सजा मिले'

मेरी दोस्त को काफी चोट आई है. वो अस्पताल में भर्ती है और दिमागी रूप से उसे काफी धक्का लगा है. ये किसी के साथ भी और कहीं भी हो सकता है. हम यही चाहते हैं कि दोषियों को सजा मिले.



छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने सूरजकुंड में एफआईआर लिखने की बजाय छात्रों से माफीनामा लिखवाया.

इधर, द क्विंट ने सूरजकुंड से पुलिस थाने में कॉल कर केस के बारे में पता लगाने की कोशिश की. लेकिन एसएचओ पंकज कुमार ने बताया कि ऐसी कोई घटना उनके थाने में नहीं दर्ज की गई.

वहीं फरीदाबाद के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (एनआईटी) आस्था मोदी ने कहा, ''हम जांच कर रहे हैं और उनको सूरजकुंड पुलिस स्टेशन बुलाकर बयान दर्ज करेंगे.'ि

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