जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्रों ने सोमवार, 4 नवंबर को हॉस्टल मैनुअल में नए बदलाव के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों का कहना है कि प्रशासन ने हॉस्टल की फीस में बढ़ोतरी समेत हॉस्टल में आने-जाने के समय और ड्रेस कोड को लेकर प्रस्ताव पेश किया है. अब JNUSU का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन को किसी हाल में ये प्रस्ताव वापस लेना ही होगा.
‘अगर प्रशासन ने फीस बढ़ोतरी का प्रस्ताव वापस नहीं लिया, तो कई छात्रों को कॉलेज छोड़कर जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. यूनिवर्सिटी को किसी भी हाल में ये प्रस्ताव वापस ले लेना चाहिए.’सतीश यादव, जनरल सेक्रेटरी,जेएनयूएसयू
सतीश यादव का दावा है कि छात्र इन नियमों को लेकर वाइस चांसलर से बात करना चाहते थे. सोमवार को करीब 4000 छात्र वाइस चांसलर से मिलने कैंपस में ब्लॉक एफ गए. लेकिन वीसी नहीं मिले. इसके बाद छात्र वाइस चांसलर की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने वसंत कुंज पुलिस स्टेशन गए. लेकिन सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवानों ने उन्हें बीच में ही रोक दिया.
क्या है छात्रों की मांग?
कॉलेज प्रशासन ने हॉस्टल मैनुअल के नियमों में कई तरह के बदलाव किए हैं. इसके बाद से ही इन बदलावों के खिलाफ छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों का आरोप है,
- प्रशासन ने हॉस्टल फीस बढ़ा दी है. अभी तक हॉस्टल कांट्रेक्चुअल वर्कर्स को सैलेरी कॉलेज प्रशासन देता था. अब नए नियम के मुताबिक, छात्रों की फीस से उन्हें सैलेरी दी जाएगी. इसके साथ ही फीस में इलेक्ट्रिसिटी बिल, वाईफाई और वॉटर बिल भी जोड़ दिया गया है.
- 11 बजे कर्फ्यू टाइमिंग लगा दी गई है. 11 बजे के बाद कोई भी हॉस्टल के बाहर नहीं दिखेगा.
- ग्रर्ल्स के लिए प्रॉपर ड्रेस कोड की भी बात कही गई है. ये नियमों के खिलाफ है.
- यूनिवर्सिटी में लाइब्रेरी 24 घंटे खुली रहती है. ऐसे में अगर किसी हॉस्टल के छात्र को 11 बजे के बाद लाइब्रेरी जाना है, तो कैसे जाएगा.
बता दें, शुक्रवार को यूनिवर्सिटी ने कहा था कि छात्रों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी की गई है. प्रशासन ने इस दावे को खारिज किया है कि हॉस्टल मैनुअल छात्रों पर कोई टाइमिंग प्रतिबंध या ड्रेस कोड लागू नहीं किया है.
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