5 जनवरी की शाम जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी कैंपस में हिंसा हुई. नकाबपोश गुंडों ने चेहरे पर मास्क पहनकर, हाथ में रॉड और डंडे से लैस होकर छात्रों और टीचर पर हमला बोल दिया. जिसमें 30 से ज्यादा छात्र घायल हुए हैं. अब इस हिंसा पर देशभर में लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.
उद्योगपति आनंद महिंद्रा से लेकर कवि डॉ. कुमार विश्वास, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजर संजय बारू, मशहूर यूट्यूबर भुवन बम जैसे लोगों का सोशल मीडिया पर गुस्सा फूटा है.
“फर्क नहीं पड़ता आपकी विचारधारा क्या है,अगर भारतीय हैं तो हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे”
उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने जेएनयू में हुई हिंसा पर ट्वीट किया है. उन्होंने कहा,
“इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी राजनीति क्या है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी विचारधारा क्या है. इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका विश्वास किसमें हैं. अगर आप भारतीय हैं, तो आप हथियारबंद और अराजक गुंड़ों को स्वीकार नहीं कर सकते हैं. जेएनयू उपद्रव में शामिल लोगों को तुरंत पकड़ा जाना चाहिए.”
कुमार विश्वास बोले-राजनैतिक दुरुपयोग सत्ताओं के आने-जाने में सहायक हो सकता है लेकिन...”
कवि डॉ. कुमार विश्वास ने जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा,
‘वर्तमान संवारने वाली पीढ़ी का राजनैतिक दुरुपयोग सत्ताओं के आने-जाने में सहायक हो सकता है लेकिन, इस खेल में शामिल हो रहे दोनों पक्षों को ये भी ध्यान रहे कि एक कुंठित-हताश और नाराज वर्तमान उन्हें ही नहीं पूरे देश व समाज को एक नितांत दिशाहीन भविष्य की तरफ ले जाएगा.’
बता दें कि जेएनयू कैंपस में में रविवार शाम को नकाबपोश अज्ञात लोगों ने छात्रों पर हमला कर दिया, जिसमें छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष और महासचिव समेत 30 लोग घायल हो गए हैं. साथ ही एक टीचर पर भी हमला किया गया जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गईं.
“मैंने अपने भारत में ऐसी हिंसा की कभी कल्पना भी नहीं की थी”
यूट्यूब सेंसेशन भुवन बाम ने भी इस मसले पर ट्वीट किया. भुवन JNU की बात करते हुए, इस ट्वीट में अपनी भी आप बीती बताई है. वो लिखते हैं,
ट्वीट करता हूं, तो लोग पूछते हैं कौन सी पार्टी से पैसे मिले हैं? पैसे? भैया मेरा पॉलिटिक्स से कुछ लेना-देना नहीं है. 25 साल का हूं. अपने काम से देश का नाम रौशन करना चाहता हूं. हर नागरिक की तरह देश में अमन और शांति चाहता हूं. मैंने अपने भारत में ऐसी हिंसा की कभी कल्पना भी नहीं करी थी. अगर आपमे में थोड़ी सी भी देशभक्ति है, तो ये समझ लीजिए कि पॉलिटिक्स से ऊपर इंसानियत है. किसी को शारीरिक चोट पहुंचाना जानवरों से भी बदतर है. ये हिंसा इस देश को मंजूर नहीं. एक ट्वीट के लिए मुझे धमकी दी गई थी फोन पर कि ‘काट देंगे तुझे’. बिना सिक्योरिटी वाला मिडिल क्लास बच्चा क्या करता? चुप रहा. नंबर रिपोर्ट किया. आज भी गालियां पड़ सकती हैं. लेकिन मुझे देश प्यारा है. ईमानदार हूं. इंसान हूं. जय हिंद.”
संजय बारू बोले- ये संगठित हमला है
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजरसंजय बारू ने भी इस मामले पर अपनी बात रखी है. बारू ने कहा, "मैं परिसर में नहीं रहता हूं. मेरी पत्नी वहां हैं. उनके छात्र-छात्राएं वहां रहते हैं. वे भयभीत हैं. यह संगठित हमला है और मेरे जैसे अलुमनाई को इसका विरोध करना चाहिए." बता दें कि संजय बारू जेएनयू अलुमनाई हैं और उनकी पत्नी विश्वविद्यालय में शिक्षिका हैं. पिछले साल संजय बारू की किताब 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' पर फिल्म बनी थी.
बिजनेसमैन हर्ष मारीवाला ने भी इस मामले पर दुख जाहिर किया है. उन्होंने कहा, “अहिंसा की भूमि से आने वाले, हिंसा के इन कृत्यों को देखना और प्रोत्साहित करना हमारे लिए असंभव है. कल शाम की खबर देखकर बहुत दुख हुआ.”
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने संबंधित अधिकारियों के हवाले से बताया है कि जेएनयू ने कैंपस में हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेज दी है. फिलहाल अबतक पुलिस ने किसी को भी इस हिंसा के लिए गिरफ्तार नहीं किया है, ना ही हिंसा करने वालों की पहचान हो सकी है.
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