दिल्ली पुलिस ने 13 जनवरी को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत तीन छात्रों से 5 जनवरी को कैंपस में हुई हिंसा के मामले में पूछताछ की. कैंपस में नकाबपोश लोगों के छात्रों और टीचर्स पर हमले के मामले में जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एक टीम ने जेएनयू का दौरा किया और घोष के साथ पंकज मिश्रा और वास्कर विजय मेक से पूछताछ की.
घोष कुल नौ संदिग्धों में से उन सात छात्रों में शामिल हैं, जो लेफ्ट छात्र संगठनों से जुड़े हैं. दो छात्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े हैं. हालांकि, मिश्रा ने दावा किया कि उनका किसी पक्ष से संबद्ध नहीं हैं.
‘उन्होंने मामले पर मेरा पक्ष जानना चाहा. उन्होंने मुझसे मेरी शिकायत के बारे में पूछा. मैंने भी पूछा कि उन्होंने मेरी शिकायत पर एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की.’आइशी घोष, जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष
जेएनयू के प्रोफेसरों की एक याचिका पर जवाब देते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट को ये भी बताया कि उसने यूनिवर्सिटी प्रशासन से हिंसा की सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने और सौंपने को कहा था, लेकिन यूनिवर्सिटी की तरफ से कोई जवाब अभी तक नहीं मिला.
पुलिस ने बताया कि उसने WhatsApp को भी लेटर लिखकर दोनों समूहों के सदस्यों के मैसेज, तस्वीरें, वीडियो और फोन नंबर सुरक्षित रखने को कहा है.
ABVP ने जारी किए वीडियो
पुलिस के मुताबिक, छात्र अक्षत अवस्थी और रोहित शाह को भी जांच में शामिल होने को कहा है, जो एक न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में नजर आए थे. ABVP ने दोनों के संगठन से जुड़े होने से इनकार किया है.
लेफ्ट छात्र संगठनों और कांग्रेस समर्थित NSUI पर निशाना साधते हुए ABVP ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि 5 जनवरी की हिंसा में वो साथ थे. ABVP ने अपने दावों के समर्थन में आठ वीडियो भी जारी किए और जांच की मांग की.
कक्षाओं का बहिष्कार
जेएनयू कैंपस में क्लास 13 जनवरी से शुरू होने वाली थीं, लेकिन सामूहिक बहिष्कार के कारण शुरू नहीं हो पाईं. छात्रों और टीचर्स ने फीस बढ़ने के मुद्दे पर प्रशासन से गतिरोध के बीच कक्षाओं का बहिष्कार किया. वो कुलपति एम जगदीश कुमार को बर्खास्त करने की मांग पर अड़े रहे. जेएनयू प्रशासन ने टीचर्स को छात्रों के हित में कक्षाएं शुरू करने के लिए परामर्श जारी किया है. हालांकि, टीचर्स ने सलाह पर अमल नहीं किया.
जेएनयू के टीचर्स के एक प्रतिनिधिमंडल ने एक बार फिर मानव संसाधन विकास मंत्रालय का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि परिस्थितियां अकादमिक गतिविधियों के लिहाज से अनुकूल नहीं हैं और छात्रों को परिसर में लौटने में डर लग रहा है. जेएनयू छात्र संघ ने सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन का बॉयकॉट जारी रखा है. वो हॉस्टल की फीस बढ़ने को पूरी तरह वापस लेने की मांग कर रहे हैं. वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दावा किया कि करीब 8,500 छात्रों में से 5,000 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं.
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