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JNU हिंसा: कोमल शर्मा पहुंची NCW, कहा- मैं नहीं हूं नकाबपोश लड़की

नकाबपोश हमलावरों ने JNU कैंपस में हमला किया था, कोमल शर्मा की हुई थी पहचान

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जेएनयू हिंसा मामले में रोज एक नया मोड़ सामने आ रहा है. दिल्ली पुलिस कभी लेफ्ट संगठनों को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराती है तो कभी दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट का नाम सामने लाकर चौंकाती है. अब पुलिस ने जिस नकाबपोश लड़की का चेहरा बेनकाब किया और उसे कोमल शर्मा बताया था वो महिला आयोग पहुंच चुकी है. कोमल शर्मा ने आयोग में शिकायत दर्ज करते हुए कहा है कि उसका नाम नकाबपोश लड़की से जोड़ा जा रहा है.

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कोमल शर्मा की शिकायत पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने मीडिया संस्थानों और और दिल्ली पुलिस से इस मामले को लेकर जवाब मांगा है.

दिल्ली पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए जेएनयू हिंसा के वीडियो में दिख रही नकाबपोश लड़की की पहचान का खुलासा किया था. जिसमें बताया गया था कि लड़की का नाम कोमल शर्मा है और वो जेएनयू नहीं बल्कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट है.

हालांकि दिल्ली पुलिस ने इस लड़की के किसी भी संगठन से जुड़े होने की बात अभी पूरी तरह से साफ नहीं की है. लेकिन इस लड़की को लेकर हिंसा के दूसरे दिन से ही लेफ्ट संगठन और कई मीडिया चैनल दावा करते आए हैं कि ये एबीवीपी की कार्यकर्ता है, जिसका नाम कोमल शर्मा है.

बता दें कि कोमल शर्मा से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने भी मीडिया के सामने आकर यही कहा था कि नकाब के पीछे कोमल शर्मा नहीं थी. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जिस लड़की की पहचान की है वो एबीवीपी की कार्यकर्ता और दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट कोमल शर्मा नहीं है.

दिल्ली पुलिस के हाथ खाली क्यों?

दिल्ली पुलिस ने जेएनयू में हुई हिंसा की घटना के ठीक बाद इसकी जांच क्राइम ब्रांच को दे दी थी. लेकिन घटना के 10 दिन बीत जाने के बाद अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस ने कुछ लोगों की पहचान जरूर की है, जिनसे पूछताछ जारी है. लेकिन कोमल शर्मा और एक टीवी चैनल के स्टिंग में हिंसा में शामिल होने का दावा कर रहे एबीवीपी के छात्र अक्षत अवस्थी फिलहाल गायब हैं. दिल्ली पुलिस दोनों से संपर्क तक नहीं कर पा रही है. पुलिस का कहना है कि दोनों ने अपने मोबाइल बंद कर दिए हैं और फिलहाल गायब हैं.

लेकिन अब सवाल ये उठता है कि देश की सबसे स्मार्ट पुलिस कही जाने वाली दिल्ली पुलिस दो आम छात्रों तक कैसे नहीं पहुंच पा रही है. सवाल .ये भी उठता है कि अगर इन छात्रों ने कुछ गलत नहीं किया है तो वो पुलिस से क्यों भाग रहे हैं और उन्होंने फोन बंद क्यों किए? जबकि बाकी सभी लोग पुलिस के सवालों का जवाब दे रहे हैं.

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