JNU छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष बुधवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया पहुंचीं. यहां आइशी ने कहा कि ये कश्मीर के हक की लड़ाई है, इससे पीछे नहीं हटा जा सकता है. बता दें, आइशी का इशारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की ओर था.
आइशी ने कहा, "हम इस लड़ाई में कश्मीर की बात नहीं भूल सकते. वहां लोगों के साथ जो हो रहा है, कहीं न कहीं इस सरकार ने वहीं से हमारे संविधान को हमसे छीना शुरू किया था."
मोदी सरकार के खिलाफ कोई लड़ सकता है, तो ये हमारे देश के लोग है. हमारे देश के लोग ही सरकार को दिखा सकते हैं कि हम आपको सरकार में लाना जानते हैं, तो सरकार से हटाना भी जानते हैं. सरकार अगर सोचती है कि वो संविधान को बदलने में सफल हो जाएंगे, तो ये गलत है. वो कभी सफल नहीं होंगे.आइशी घोष, JNU छात्रसंघ अध्यक्ष
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कुछ महीने पहले बोल रहे थे कि वह मुस्लिम महिलाओं को रिहा करना चाहते हैं. आज यही मुस्लिम महिलाएं सड़क पर उतरकर कह रही हैं कि वह अपनी आजादी खुद छीनना जानती हैं.आइशी घोष, JNU छात्रसंघ अध्यक्ष
आइशी घोष ने भी कहा कि ये देश नेहरू और गांधी का है, उतना ही मौलाना अबुल कलाम आजाद और एपीजे अब्दुल कलाम का है.
बता दें, जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष 5 जनवरी को JNU में नकाबपोशों के हमले के बाद से ही चर्चा में हैं. इस दिन कुछ नकाबपोशों ने कैंपस में घुसकर छात्रों और प्रोफेसर के साथ मारपीट की थी. इसमें आइशी घोष भी घायल हो गई थी. इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया, जिसमें आइशी घोष भी शामिल हैं.
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