जॉनसन एंड जॉनसन की कोविड-19 के खिलाफ एकल खुराक वाली वैक्सीन (Johnson & Johnson Vaccine) को 7 अगस्त को भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिल गई. जे एंड जे सिंगल-डोज वैक्सीन के साथ, भारत में अब टीकाकरण अभियान को मजबूत करने के लिए कुल 5 कोविड वैक्सीन हैं. बाकी चार में सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, रूस का स्पुतनिक वी और मॉडर्ना शामिल हैं. जे एंड जे के टीके को मंजूरी मिलने से कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया, "भारत ने अपनी वैक्सीन टोकरी का विस्तार किया! जॉनसन एंड जॉनसन की एकल-खुराक कोविड-19 वैक्सीन को भारत में आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी गई है. अब भारत के पास 5 आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण टीके हैं. ये कोविड-19 के खिलाफ हमारे देश की सामूहिक लड़ाई को और बढ़ावा देगा."
मंडाविया ने कहा कि इसे भारत की स्वदेशी वैक्सीन निर्माता बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के साथ आपूर्ति समझौते के जरिए भारत लाया जाएगा.
कितनी प्रभावी है वैक्सीन?
जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन को सभी कोविड बीमारियों से बचाव में 72 फीसदी प्रभावी पाया गया है. वहीं, अमेरका में FDA के आकलन में ये कोविड वैक्सीन गंभीर कोविड से बचाव में 86 फीसदी प्रभावी है.
साउथ अफ्रीका में ऐसे ही ट्रायल ने एक अलग और ज्यादा संक्रामक वेरिएंट के खिलाफ यही नतीजे दिए थे. उस ट्रायल में रिसर्चर्स ने इस वैक्सीन को बीमारी से बचाव में 64 फीसदी और गंभीर बीमारी के खिलाफ 82 फीसदी प्रभावी पाया था.
वैक्सीन काम कैसे करती है?
जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन एक सिंगल शॉट वायरल वेक्टर वैक्सीन है. इसे नुकसान न करने वाले एडिनोवायरस से बनाया गया है. एडिनोवायरस एक वायरल वेक्टर है और वैक्सीन बनाने के लिए इसकी जेनेटिक जानकारी का एक हिस्सा हटाकर स्पाइक प्रोटीन बनाने वाले COVID-19 जीन डाले गए गेन.
मॉडिफाई किए गए इस एडिनोवायरस को जब किसी व्यक्ति को दिया जाता है तो सेल स्पाइक प्रोटीन बनाने वाले जेनेटिक जानकारी पढता है. सेल में स्पाइक प्रोटीन बन जाता है और वो सेल की सतह पर पहुंचता है.
व्यक्ति का इम्यून सिस्टम सतह पर इस प्रोटीन को देखता है और एंटीबॉडीज बनाता है.
क्या वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है?
कंपनी ने 1 जुलाई को कहा था कि वैक्सीन तेजी से फैल रहे डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है और कम से कम आठ महीनों के लिए एंटीबॉडीज का निर्माण करती है और कोरोनावायरस के सभी वेरिएंट्स से सुरक्षा देती है.
वैक्सीन डोज ने कथित तौर पर दिए जाने के 29 दिन के अंदर डेल्टा वेरिएंट को निष्क्रिय कर दिया था. कंपनी की स्टडी के मुताबिक, समय के साथ वैक्सीन के जरिए मिली सुरक्षा भी बढ़ती है.
डेटा दिखाता है कि ये वैक्सीन लेने वाले लोगों को कम से कम एक साल तक बूस्टर शॉट की जरूरत नहीं होगी.
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