उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में भूस्खलन और धंसने के संकट के बीच, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि शहर में चार नगरपालिका वार्डों को 'पूरी तरह से असुरक्षित' घोषित कर दिया गया है. ये बात उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही.
उन्होंने कहा कि कई संगठन जोशीमठ और उसके आसपास धंसने के कारणों और बॉर्डर पर चल रही जांच में शामिल हैं. हम जल्द ही एक अंतिम रिपोर्ट लेकर आएंगे. हमने बारिश की आशंका में पर्याप्त तैयारी की है.
जेपी कॉलोनी में पानी का डिस्चार्ज लेवल नीचे चला गया है. प्रभावित परिवारों को आश्रय गृहों में स्थानांतरित कर दिया गया है और मॉडल झोपड़ियां एक सप्ताह के भीतर तैयार हो जाएंगी. जोशीमठ में कई घरों में दरारें आने के बाद सैकड़ों निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है.रंजीत कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन सचिव
बता दें कि इसके अलावा उत्तराखंड सरकार पहले ही जोशीमठ के प्रभावित परिवारों के लिए करोड़ों रुपये के राहत पैकेज की घोषणा कर चुकी है.
आपदा के बाद पलायन कर रहे नागरिक
जोशीमठ में लोगों के घरों और होटलों में दरारें धीरे-धीरे बढ़ रही हैं. तेजी से शहर की इमारतें जमींदोज हो रही हैं. लोगों के सपने टूट रहे हैं. आपदा आने के बाद असुरक्षित हो चुके घरों को छोड़कर लोग पलायन कर रहे हैं. जोशीमठ के क्षतिग्रस्त भवनों को पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे ये मालूम होगा कि मकानों का कितना नुकसान हुआ है. इस प्रक्रिया को सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (Central Building Research Institute) द्वारा क्रैकोमीटर से किया जाएगा. इसके साथ ही अयोग्य इमारतों को तोड़ा जा रहा है.
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