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जूही की याचिका पर सुनवाई के बीच शख्स लगा गाने, अवमानना का निर्देश

बॉलीवुड एक्टर जूही चावला ने 5G टेक्नोलॉजी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई हुई है

Published
भारत
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5G टेक्नोलॉजी के खिलाफ जूही चावला की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट की वर्चुअल सुनवाई के दौरान अजीबोगरीब मामला सामने आया. वर्चुअल सुनवाई के दौरान ही बॉलीवुड के गाने सुनाई देने लगे. दरअसल, एक शख्स जिसे जूही के फैन के तौर पर देखा जा रहा है, वो सुनवाई के दौरान उनके फिल्मों के गाने गाता रहा. वो शख्स तेज आवाज में ‘बन्नो की आएगी बारात, घूंघट की आड़ में दिलबर का’ जैसे गाना गाए जा रहा था. इस कारण कुछ देर तक सुनवाई बाधित भी रही. पहली बार कोर्ट ने म्यूट करने के लिए कहा लेकिन उसका गाना जारी रहा जिसके बाद कार्यवाही को लॉक कर दिया गया और कोर्ट ने उस अज्ञात शख्स को पहचानने और उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं.

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बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अभी कोर्ट की कार्यवाही शुरू ही हुई थी कि कोई ये भी पूछता जा रहा था कि जूही मैम कहां हैं, जूही मैम को मैं देख नहीं पा रहा हूं.

जूही चावला ने शेयर किया था लिंक

ध्यान देने वाली बात ये है कि बुधवार को जूही चावला ने खुद इंस्टाग्राम पर अपने फैंस से हाईकोर्ट की वर्चुअल सुनवाई में शामिल होने का अनुरोध किया था. बुधवार तड़के एक इंस्टाग्राम वीडियो मेंजूही ने कहा: "लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि मैं अचानक क्यों उठी और मुकदमा दायर किया. मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि मैं आज नहीं उठी. मैं बोल रही हूं पिछले 10 वर्षों से विकिरण, सुरक्षित सेल फोन का उपयोग, सेल फोन टॉवर विकिरण और जितना संभव हो सके जागरूकता फैलाने की कोशिश की."

कोर्ट ने सुरक्षित रखा आदेश

केस की बात करें तो दिल्ली हाईकोर्ट ने जूही चावला की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. साथ ही कोर्ट ने ये भी सवाल किया कि जूही पहले सरकार के पास क्यों नहीं गईं, सीधा कोर्ट ही क्यों चली आईं. ऐसे में कोर्ट ने जूही चावला को 5G के खिलाफ दाखिल अपनी याचिका पर एक नोट दाखिल करने का भी निर्देश दिया है.

जूही चावला की याचिका में क्या है?

जूही चावला ने दायर याचिका में कहा है, “हम टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट के खिलाफ नहीं है. बल्कि, हम टेक्नोलॉजी के लेटेस्ट प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें वायरलेस कम्युनिकेशंस के क्षेत्र भी शामिल हैं. हालांकि, बाद के उपकरणों का उपयोग करते समय, हम निरंतर दुविधा में रहते हैं, क्योंकि वायर-फ्री गैजेट्स और नेटवर्क सेल टावरों से RF रेडिएशन के संबंध में अपनी खुद की रिसर्च और स्टडी करने के बाद, हमारे पास ये मानने का पर्याप्त कारण है कि रेडिएशन लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर हानिकारक है.”

जूही चावला ने कहा कि अगर टेलीकन्युनिकेशंस इंडस्ट्री 5G लागू करने का प्लान करती है, तो कोई इंसान, कोई जानवर या धरती पर कोई भी पेड़-पौधा RF रेडिएशन से बच नहीं पाएगा, जो कि मौजूदा रेडिएशन से काफी ज्यादा खतरनाक है.

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