पिछले दिनों राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर के रहने वाले नासिर और जुनैद नाम के दो व्यक्तियों की कथित तौर पर जलाकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. भरतपुर पुलिस ने आरोपी मोनू राणा और गोगी को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपियों पर 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित था. बता दें कि इस केस में आरोपी रिंकू सैनी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
क्या है पूरा मामला?
भरतपुर के कामा इलाके के रहने वाले नासिर और जुनैद को कथित रूप से गौ रक्षकों ने हरियाणा ले जा कर हत्या कर दी थी. 16 फरवरी 2023 को हरियाणा के भिवानी में बारवास गांव के पास बोलेरो कार में जुनैद के साथ नासिर की भी जली हुई लाश मिली थी. मामले में अभी 6 आरोपी फरार है, जिनकी पुलिस तलाश में जुटी हुई है.
भरतपुर आईजी गौरव श्रीवास्तव के निर्देशन में पुलिस ने गुरुवार देर रात बड़ी कार्रवाई करते हुए भिवानी निवासी गोगी और मोनू राणा को हरियाणा से पकड़ा है.
दोनों आरोपियों को पुलिस बुधवार सुबह भरतपुर लेकर पहुंची. इससे पहले आरोपी रिंकू सैनी से पूछताछ में काफी अहम सुराग हाथ लगे थे.
इसके अलावा बचे हुए आरोपियों की तलाश में भरतपुर पुलिस ने राजस्थान, हरियाणा सहित कई राज्यों में सर्च ऑपरेशन चला रखा था. खुद आईजी गौरव श्रीवास्तव सर्च ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे थे.
देहरादून की दुर्गम पहाड़ियों में छिपे थे नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपी
2 महीने से फरार चल रहे इन दो आरोपियों भिवानी निवासी नरेंद्र कुमार उर्फ मोनू राणा व मोनू उर्फ गोगी को पुलिस ने देहरादून की दुर्गम पहाड़ियों से डिटेन कर गिरफ्तार किया गया है. आईजी रेंज गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि 16 फरवरी को घाटमिका गांव निवासी इस्माइल मेव ने जुनेद और नासिर की किडनैपिंग की रिपोर्ट थाना गोपालगढ़ पर दर्ज कराई थी.
एएसपी करौली सिद्धांत शर्मा के नेतृत्व में गठित की गई विशेष टीमों द्वारा मध्य प्रदेश के रीवा व सिदी, झारखंड में, बिहार के पटना, नेपाल बॉर्डर, उड़ीसा के कटक, भुवनेश्वर व बालेश्वर, पश्चिम बंगाल के हुगली चौबीस परगना, हरियाणा के फिरोजपुर झिरका, जिन्द, भिवानी, करनाल, सोनीपत, पानीपत, कैथल व यमुनानगर, हिमाचल प्रदेश के कोईटा साहिब, उत्तर प्रदेश के आगरा, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज व बनारस, उत्तराखंड के हरिद्वार, ऋषिकेश, शिवपुरी व देहरादून में मुलजिमों के संदिग्ध ठिकानों जैसे धार्मिक संगठन, गुरुकुल, गोशाला आदि में दबिश दी, वेशभूषा बदलकर मुलजिम की तलाश की गई. इसी दौरान पुलिस की विशेष टीम को सूचना मिली कि आरोपी देहरादून के थाना विकासनगर के बटोही गांव के पहाड़ों में छिपा हुआ है.
बदमाशों की मूवमेंट मिलने पर इंस्पेक्टर मनोज राणा योगेंद्र सिंह हेड कांस्टेबल जोगेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने दबिश देकर वांछित आरोपी मोनू उपयोगी और नरेंद्र उर्फ मोनू राणा को दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र से डिटेन कर लिया जिसे गुरुवार को एसएचओ गोपालगढ़ द्वारा मामले में गिरफ्तार किया गया.
'दो स्वस्थ्य इंसान गए थे और कंकाल बनकर लौटे'- परिवार
जुनैद-नासिर की हत्या के बाद द क्विंट से बात करते हुए नासिर की बहन सारदा बेगम ने कहा था कि वो गांव के सबसे अच्छे आदमी थे. दयालु और सबकी मदद करने वाले थे. उनमें कोई खराब गुण नहीं था.
दोनों के परिवारों का कहना है कि जुनैद और नासिर चाचा-भतीजे थे, लेकिन उनका रिश्ता एक-दूसरे के भाई जैसा था. दोनों बुधवार की सुबह जुनैद की ससुराल जाने के लिए साथ में निकले थे. सारदा कहती हैं कि अब वे दोनों चले गए हैं. एक ही परिवार के दो जवान, स्वस्थ व्यक्ति जिंदा जल गए.
मृतक पर लगे आरोपों का शोक संतप्त घरवालों को भी जवाब देना पड़ रहा है. भरतपुर के आईजी गौरव श्रीवास्तव ने कहा है कि नासिर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन जुनैद पर गाय की तस्करी के पांच मामले दर्ज हैं.
"मुस्लिम पुरुषों पर लगातार हमले हो रहे हैं"- चिंतित ग्रामीण
जुनैद और नासिर की हत्या के बाद गांव में सिर्फ सदमा और दुख नहीं बल्कि गहरी पीड़ा और रोष भी है. घाटमीका गांव के निवासी जावेद कहते हैं कि इस देश में मुस्लिम पुरुषों पर लगातार हमले हो रहे हैं. मॉब लिंचिंग नहीं तो लव जिहाद. दाढ़ी-टोपी (दाढ़ी और टोपी वाले पुरुषों) पर हमला किया जा रहा है, वे सुरक्षित नहीं हैं.
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