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काफी रियल: अभिव्यक्ति की आजादी के बीच कोर्ट की अवमानना

सुप्रीम कोर्ट प्रशांत भूषण की सजा को लेकर 20 अगस्त को सुनवाई करेगा.

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74वें स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले, सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका के लिए कथित रूप से दो अपमानजनक ट्वीट करने के मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना. जस्टिस अरूण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने ये फैसला सुनाया है. कोर्ट भूषण की सजा को लेकर 20 अगस्त को सुनवाई करेगा.

भूषण के ये दो ट्वीट थे:

  • 27 जून को उन्होंने लिखा था: "जब भविष्य में इतिहासकार पिछले 6 सालों को देखेंगे कि औपचारिक इमरजेंसी के बिना कैसे भारत में लोकतंत्र खत्म किया गया, तो वो विशेष रूप से इस विनाश में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका को मार्क करेंगे, और खासतौर पर आखिरी 4 चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की भूमिका को."
  • 29 जून को, उन्होंने हार्ले डेविडसन सुपरबाइक पर बैठे CJI बोबडे की एक फोटो शेयर की, और कहा कि चीफ जस्टिस एक बीजेपी नेता की बाइक पर बिना मास्क या हेलमेट के बैठे हैं, ऐसे समय में जब सुप्रीम कोर्ट "नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों से इनकार कर रहा था" क्योंकि यह लॉकडाउन मोड में था.

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