उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफील खान (Kafeel Khan) को बर्खास्त कर दिया है. कफील खान को सात अन्य लोगों के साथ अगस्त 2017 में निलंबित कर दिया गया था, जब बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी, खान को छोड़कर सात डॉक्टरों को बाद में बहाल कर दिया गया.
राज्य सरकार ने बाद में उन पर राज्य में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ भाषण देने के लिए मामला दर्ज किया था. कफील खान ने कहा कि वह औपचारिक टर्मिनेशन ऑर्डर का इंतजार कर रहे हैं, उन्होंने कहा, मैं न्याय के लिए लड़ना जारी रखूंगा और आदेश को अदालत में चुनौती दूंगा.
डॉ. कफील ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि, 63 बच्चों की मौत हुई क्योंकि सरकार ने ऑक्सीजन सप्लायर के 68 लाख रुपये नहीं दिये थे. 8 लोग जेल जाते हैं और निलंबित होते हैं. जिसमें से 7 लोगों को बहाल कर दिया जाता है. मुझे, डीएम से लेकर प्रिंसिपल सेक्रेटरी और हाई कोर्ट तक में ये कहा जाता है कि कोई चिकित्सा लापरवाही नहीं की, कोई भ्रष्टाचार नहीं किया. फिर भी खबर मिलती है कि इनको नौकरी से निकाल दिया गया है, बर्खास्त कर दिया गया है. 63 बच्चों के मां-बाप आज भी इंसाफ के लिए भटक रहे हैं. जो असली कातिल हैं, गुनहगार हैं वो खुलेआम घूम रहे हैं.
क्यों हुए थे निलंबित?
22 अगस्त 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन खत्म हो गया. जिसके चलते कई बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले को लेकर डॉ कफील खान को निलंबित कर दिया गया था और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की बात हुई थी.
डॉ कफील खान ने कई बार अपने निलंबन को वापस लेने की मांग की थी, कोरोना काल की शुरुआत से ही वो योगी सरकार से अपील कर रहे थे कि वो अपने अनुभव से लोगों की मदद करना चाहते हैं. इसके अलावा उन्होंने ये भी आरोप लगाया था कि जानबूझकर उनका निलंबन खत्म नहीं किया जा रहा है.
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