दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के मद्देनजर कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग पर यातायात पाबंदियों पर जनहित को ध्यान में रखते हुए विचार करने का मंगलवार को निर्देश दिया. चीफ जस्टिस डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने पुलिस से जनहित और कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मामले पर गौर करने को कहा.
15 दिसंबर से चल रहा है बंद
कोर्ट ने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी द्वारा दाखिल जनहित याचिका का निपटारा करते हुए यह बात कही. याचिका में दिल्ली पुलिस कमिश्नर को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के कारण 15 दिसंबर 2019 से बंद चल रहे कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग और ओखला अंडरपास को खोलने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था. ये एक अस्थायी व्यवस्था था लेकिन बाद में इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा.
जनहित याचिका में क्या लिखा है?
जनहित याचिका में कहा गया कि कालिंदी कुंज वाला रास्ता दिल्ली, फरीदाबाद (हरियाणा) और नोएडा (उत्तर प्रदेश) को जोड़ने की वजह से बहुत महत्व रखता है. लेकिन अब लोगों को डीएनडी एवं अन्य वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है जिससे भारी यातायात जाम की स्थिति बन रही है और साथ ही समय तथा ईंधन की बर्बादी भी हो रही है.
कोर्ट ने कहा, ‘‘ हम संबंधित प्रतिवादी प्राधिकरण (पुलिस) को कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग पर रोड नंबर-13 (मथुरा रोड और कालिंदी कुंज के बीच) और ओखला अंडरपास के इस्तेमाल पर लगी रोक के संदर्भ में कानून, नियम और सरकार की नीति के तहत विचार करने का निर्देश देते हैं.’’
उसने प्राधिकरण से व्यापक जनहित और कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मामले पर समयबद्ध रूप से गौर करने को भी कहा है.
सुनवाई के दौरान साहनी ने कहा कि मार्ग के बंद होने के कारण पिछले एक महीने से हर दिन लाखों लोग को बहुत दिक्कत हो रही है और वे दूसरे रास्तों को इस्तेमाल करने को मजबूर हैं.
याचिका में दिल्ली पुलिस के अलावा केन्द्र और दिल्ली सरकार को भी पक्षकार बनाया गया और इस समस्या से निपटने के लिए पुलिस की अपेक्षित सहायता करने की मांग भी की गई. दिल्ली उच्च न्यायालय ने इससे पहले 10 जनवरी को इस संबंध में हाथ से लिखे पत्र के रूप में दिए एक आवेदन पर चर्चा करने से इनकार कर दिया था.
उस याचिका में शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने का अनुरोध किया गया था.
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