जेएनयू के छात्र शरजील इमाम की गिरफ्तारी पर सीपीआई नेता और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि राजद्रोह कानून का गलत तरह से इस्तेमाल करना देश की सुरक्षा और एकता के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके शरजील इमाम से उनके वैचारिक मतभेद हैं, लेकिन जहां तक कानून की बात है, तो सही के हक में बोलना चाहिए.
‘अगर कोई भड़काऊ भाषण देता है तो उसके खिलाफ कई सेक्शन के तहत एफआईआर दर्ज हो सकती है, लेकिन अगर राजद्रोह कानून का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, तो ये देश की एकता और सुरक्षा के लिए सही नहीं है.’कन्हैया कुमार, सीपीआई नेता
कन्हैया ने कहा, 'मेरे शरजील इमाम से वैचारिक मतभेद हैं, लेकिन अगर हम कानून की बात करें तो हमें सही के बारे में बोलना चाहिए. देश में किसी को भी हिंसा भड़काने का अधिकार नहीं है, लेकिन जिस तरह से सरकारी सिस्टम का गलत इस्तेमाल हो रहा है, इसपर सवाल उठाया जाना चाहिए.'
शरजील इमाम बिहार से किया गया गिरफ्तार
भड़काऊ भाषण देने का आरोपी शरजील इमाम को दिल्ली पुलिस ने 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया. शरजील के खिलाफ दिल्ली, असम समेत कुछ राज्यों में एफआईआर दर्ज है. शरजील को 29 जनवरी को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. इमाम के खिलाफ दिल्ली, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और असम में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है.
इमाम के वायरल वीडियो में क्या है?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में इमाम को कहता सुना जा सकता है कि असम को भारत के बाकी हिस्सों से काट देना चाहिए क्योंकि वहां बंगाली हिंदुओं और मुस्लिम दोनों की हत्या की जा रही है. ऐसी खबर है कि उसने यह भी कहा था कि अगर वह पांच लाख लोगों को इकट्ठा कर सकें तो "असम को भारत के बाकी हिस्सों से स्थायी रूप से अलग किया जा सकता है... अगर स्थायी रूप से नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक तो किया ही जा सकता है."
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