'नए साल का मौका था. हम सेलिब्रेट करने के लिए होटल गए. रूम बुक किया. कुछ घंटे वहां रुके, फिर स्कूटी से घर जा रहे थे. रास्ते में एक ट्रक से भिड़ते-भिड़ते बचे. कुछ देर चले ही होंगे कि एक कार वाले ने टक्कर मार दी. मेरी दोस्त कार में फंस गई. कार सवार ने कई बार गाड़ी आगे पीछे की. फिर दोस्त को घसीटते हुए स्पीड से आगे निकल गए.' ये बयान दिल्ली के कंझावला केस में मृतका की दोस्त कही जाने वाली चश्मदीद का है.
उस लड़की ने बताया कि एक्सीडेंट के वक्त मृतका ने शराब पी हुई थी. बहुत ज्यादा नशे में थी. स्कूटी खुद चलाने की जिद कर रही थी. लेकिन उसने यानी चश्मदीद ने शराब नहीं पी थी. वहीं मृतका की मां कहा कहना है कि उनकी बेटी शराब नहीं पीती थी. हादसे के बारे में किसी को कुछ नहीं बताने पर लड़की ने कहा कि डरे होने की वजह से चुप रही और घर आ गई. अब इन बयानों से कुछ सवाल उठ रहे हैं.
पहला सवाल? चश्मदीद ने कहा कि न्यू ईयर की पार्टी के लिए मृतका ने ही बुलाया. अपने घर भी ले गई और वहां से फिर दोनों होटल के लिए निकलीं. लेकिन मृतका की मां ने कहा कि वह उसे जानती ही नहीं. कभी देखा तक नहीं. उन्होंने यहां तक कहा कि अगर उसकी दोस्त थी तो अकेले क्यों छोड़ दिया. सब सोची-समझी साजिश है.
दूसरा सवाल एक सीसीटीवी कैमरे के जरिए उठ रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि एक्सीडेंट के बाद चश्मदीद घर लौटती दिख रही है. तब टाइम 1 बजकर 36 मिनट दिख रहा है. जबकि एक्सीडेंट 2 बजे के बाद हुआ. हालांकि इसका तर्क दिया जा रहा है कि सीसीटीवी में टाइमिंग ठीक नहीं रही होगी. इसलिए समय गलत दिख रहा है.
तीसरा सवाल-शराब पीने को लेकर उठ रहा है. जिस होटल में दोनों के जाने की बात कही जा रही है उसके मैनेजर ने एक बयान में कहा कि दोनों ने शराब पी थी. जबकि चश्मदीद का कहना है कि उसने नहीं सिर्फ मृतका ने ही शराब पी थी. इस बीच एक और बयान आया है. मृतका के डॉक्टर कहे जा रहे डॉक्टर भूपेश कहते हैं कि शराब पीने की थ्योरी गलत है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई है.
चौथा सवाल- चश्मदीद एक्सीडेंट के बाद करीब 50 घंटों तक चुप क्यों रही. पड़ताल करते हुए जब पुलिस की टीम घर पहुंची तब इस बात का खुलासा हुआ कि एक्सीडेंट वाली रात मृतका के साथ कोई और भी था. चश्मदीद का कहना है कि वह डर गई थी, इसलिए चुप थी. एक बयान में कहा कि एक्सीडेंट होने से पहले ट्रक से टक्कर होने वाली थी, लेकिन उसने स्कूटी पर पीछे बैठकर भी गाड़ी को कंट्रोल किया. ऐसे में क्या निधि टक्कर के बाद पुलिस के पास नहीं जा सकती थी.
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