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कानपुर या 'किडनैपपुर'?: संजीत के बाद दो और अगवा, पुलिस के हाथ खाली

9 दिन गुजरने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली

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भारत
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यूपी में एक के बाद एक अपहरण का मामला सामने आ रहे हैं. अभी कानपुर में संजीत यादव की अपहरण के बाद हत्या और फिरौती का मामला ठंड भी नही हुआ था कि दूसरी तरफ कानपुर देहात में ब्रजेशपाल नाम के लड़के का अपहरण हो गया.

इस मामले में एसपी देहात अनुराग वत्स का बयान आया है. उन्होंने बताया है कि मामले में टीमें गठित कर कार्रवाई की जा रही है. सर्विलांस एसओजी समेत कई टीमें जांच में जुटी हैं, जिसमें कुछ अहम सुराग भी मिले है.

घरवालों का कहना है कि अपहरण करने वालों ने 20 लाख की फिरौती मांगी है. लेकिन घटना के 9 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ पूरी तरह खाली हैं.

एक और घटना कानपुर में ही कल्याणपुरा के रावतपुर गांव की है, जहां 16 तारीख को 14 साल की मासूम का अपहरण कर लिया गया. लेकिन घटना के दस दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं.

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बता दें पिछले दिनों ही कानपुर पुलिस की संजीत यादव अपहरणकांड में बहुत किरकिरी हुई है. पुलिस पर संजीत के घरवालों ने किडनैपर्स को तीस लाख रुपये भी दिलवाने का आरोप लगाया था, लेकिन संजीत की बरामदगी तब भी नहीं हो पाई. उसकी हत्या कर दी गई. पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगे. इस मामले में एसपी अपर्णा गुप्ता को सस्पेंड भी कर दिया गया है.

लेकिन इतना ही नहीं, कानपुर पुलिस की बिकरू कांड को लेकर पूरे देश में आलोचना हुई थी. बिकरू गांव में विकास दुबे को रेड की सूचना पुलिस के भीतर से ही दी गई थी. नतीजतन घात लगाकर पुलिस पर हमला हुआ और 8 पुलिसवाले मारे गए.

कानपुर पुलिस पर सरकार की इन्हीं वजहों के चलते पैनी नजर बनी हुई है. जून में ही एसएसपी नियुक्त हुए दिनेश कुमार पी का भी शनिवार को ट्रांसफर कर दिया गया है.

अब ब्रजेशपाल के ताजा अपहरण में 9 दिन से खाली हाथ रहने को चलते एक बार फिर कानपुर पुलिस सवालों के घेरे में है.

क्या है ताजा मामला

कानपुर देहात भोगनीपुर कोतवाली क्षेत्र के चौरा गाँव स्थित नेशनल धर्मकांटे पर काम करने वाले ब्रजेश पाल का 16 जुलाई की रात को धर्मकांटे से अपहरण हो गया. परिजनों ने इसके बाद ब्रजेश के मोबाइल नम्बर को कई बार फोन लगाया, लेकिन नम्बर नहीं लगा.

परिजनों ने आगे बताया कि 17 जुलाई को ब्रजेश के ही नम्बर से फोन आया और अपहरण करने वालों ने ब्रजेश के अगुवा किए जाने की बात कहते हुए 20 लाख रुपये की मांग की. रकम की व्यवस्था करने के लिए अपहरणकर्ताओं ने पांच दिन का वक्त दिया और पुलिस को सूचना देने की स्थिति में ब्रजेश को जान से मारने की धमकी दी थी.

क्या कोई परिचित ब्रजेश को पहले बुलाकर ले गया?

ब्रजेश रात को धर्मकांटा से अंडर वियर और बनियान में गायब हुआ, मतलब वह वहां सो रहा था. धर्मकांटे के गेट में ताला भी बंद था. इस दौरान गेट के बाहर दो लोग लेटे थे, उनको भी ब्रजेश के कंपाउंड से बाहर जाने की भनक नहीं लगी. शक जताया जा रहा है कि ब्रजेश को सोते से जगाकर कोई परिचित ले गया है. अब पुलिस लगातार छानबीन में लगी हुई है. लेकिन 9 दिन बीत जाने के बाद भी कोई अपहरण करने वालों का कोई सुराग नहीं है.

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