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Kapil Sibal: वकालत या नेता- किस वजह से मिला SP का साथ, दूर होगी आजम की नाराजगी?

Azam Khan ने कहा था, कपिल सिब्बल जिस पार्टी से भी जाएंगे, वह उस पार्टी के लिए भी सम्मान का विषय होगा.

Published
भारत
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कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने कांग्रेस (Congress) का साथ छोड़ दिया है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा के लिए नामांकन (Rajya Sabha Nomination) दाखिल किया. उस वक्त साथ में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और रामगोपाल (Ram Gopal Yadav) भी थे. कपिल सिब्बल कांग्रेस के उन बागियों में से हैं, जिन्होंने पार्टी में रहकर राहुल गांधी पर सवाल उठाए. अब कांग्रेस छोड़ने के बाद सवाल कि आखिर कपिल सिब्बल के जरिए अखिलेश यादव क्या साधना चाहते हैं?

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16 मई को कांग्रेस से इस्तीफा, लेकिन 8 दिन बाद सार्वजनिक हुआ

कपिल सिब्बल ने 16 मई को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन 8 दिन बाद ये बात सार्वजनिक हुई. उन्होंने कहा, मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा के लिए नामांकन भरा है. मैं अखिलेश यादव का आभारी हूं कि उन्होंने मेरा समर्थन किया. मैं आजम खान के प्रति भी आभार प्रकट करता हूं. उन्होंने आगे कहा,

हम विपक्ष में रहकर एक गठबंधन बनाना चाहते हैं. ताकि मोदी सरकार का विरोध करें. हम चाहते हैं कि 2024 में हिंदुस्तान में एक ऐसा माहौल बने, जिसमें मोदी सरकार की जो खामियां हैं, उन्हें जनता तक पहुंचाया जा सके. 16 मई को मैंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.

कपिल सिब्बल ने अखिलेश-आजम विवाद पर साध ली चुप्पी

कपिल सिब्बल से अखिलेश यादव और आजम खान को लेकर सवाल पूछे गए तो उन्होंने चुप्पी साध ली. उन्होंने कहा, ये सवाल आप हमसे क्यों पूछ रहे हैं. मैं पिछली बार भी उत्तर प्रदेश का प्रत्याशी था. इस बार भी हूं.

कपिल सिब्बल भले ही चुप्पी साध रहे हो, लेकिन उनका एसपी के समर्थन से राज्यसभा में जाने के पीछे 'अखिलेश-आजम विवाद' एक बड़ी वजह है. दरअसल, कपिल सिब्बल, आजम खान के वकील हैं. उन्हें जेल से बाहर लाने में कपिल सिब्बल ने बड़ी भूमिका निभाई. एसपी के समर्थन से राज्यसभा भेजने के सवाल पर आजम खान ने पहले ही इशारा कर दिया था. उन्होंने कहा था,

वह उनका हक भी है. वह जिस पार्टी से भी जाएंगे, वह उस पार्टी के लिए भी सम्मान का विषय होगा. शायद उनके होने से सबसे ज्यादा खुशी किसी को होगी तो, वह मुझे ही होगी.

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वरिष्ठ नेता या मझे वकील-किस प्रभाव से मिला एसपी का साथ

कपिल सिब्बल एक मझे हुए वकील हैं. उन्हें भारत के शीर्ष वकीलों में से एक माना जाता है. दिल्ली यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड से ग्रेजुएट सिब्बल ने वॉल स्ट्रीट में कानून की प्रेक्टिस की है. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सहित कानून और प्रशासन से संबंधित कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे. शायद यही वजह है कि राज्यसभा के लिए नामांकन भरे जाने पर अखिलेश यादव ने उनकी तारीफ में राजनीतिक भाग को कम और वकालत को ज्यादा हाईलाइट किया. अखिलेश यादव ने कहा,

कपिल सिब्बल वरिष्ठ वकील रहे हैं. उन्होंने देश के जाने माने केस लड़ा है. लोकसभा में रहे हो या राज्यसभा में रहे हो. उन्होंने अच्छी तरह से अपनी बातों को रखा है. उनके पास राजनीतिक करियर भी है. एक वकील के तौर पर वह बहुत सफल रहे हैं.

अखिलेश यादव ने आगे कहा, राज्यसभा चुनाव में जिन-जिन को सदस्य बनाना है वो लोग बहुत जल्द ही नामांकन कर देंगे. आज कपिल सिब्बल ने किया है. वो समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा में जा रहे हैं. ये पहला नॉमिनेशन हुआ है. पार्टी की तरफ से दो और जा सकते हैं. बहुत जल्द उनका भी नॉमिनेशन हो जाएगा.

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कपिल सिब्बल के जरिए आजम को मनाने की कोशिश में अखिलेश

अखिलेश यादव और आजम खान की नाराजगी अभी दूर नहीं हुई है. आजम खान 20 मई को जेल से बाहर आए, लेकिन 5 दिन बाद भी अखिलेश यादव से मुलाकात नहीं हुई. जबकि कपिल सिब्बल के नामांकन के दौरान अखिलेश यादव साथ में थे. आजम पहले ही कपिल सिब्बल की तारीफों के पुल बांध चुके हैं. उन्होंने नामांकन से पहले ही बयान देकर एक संकेत भी दिया था. अब अखिलेश यादव एसपी के समर्थन से कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजकर आजम खान की नाराजगी दूर करने की कोशिश में लगे हैं. इससे 'आजम खान को जेल से बाहर लाने की कोई कोशिश न करने' वाला दाग भी धुल सकता है.

कपिल सिब्बल ने कांग्रेस छोड़ एसपी का साथ क्यों लिया? 

कपिल सिब्बल अभी यूपी से कांग्रेस कोटे से सांसद हैं, लेकिन इस बार यूपी में पार्टी के पास इतने विधायक नहीं है जो उन्हें फिर से राज्यसभा भेज सकें. दूसरी वजह है कि वो पार्टी में रहते हुए राहुल गांधी पर भी सवाल उठा चुके है. ऐसे में शायद ही कांग्रेस उन्हें राज्यसभा भेजने की कोशिश करती. राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि एसपी के अलावा बिहार से आरजेडी और झारखंड से झामुमो भी सिब्बल को राज्यसभा भेजना चाहती थी, लेकिन उन्होंने एसपी के साथ जाने का फैसला किया.

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