ADVERTISEMENTREMOVE AD

कारगिल वॉर के हीरो संभाल रहे थे ट्रैफिक, पंजाब सरकार ने बनाया ASI

टाइगर हिल की जंग में बहादुरी के लिए सतपाल सिंह को वीर चक्र से सम्मानित किया गया था

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कारगिल वॉर के हीरो सतपाल सिंह को उनकी वीरता के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया था. साल 2010 में सेना से रिटायर होने के बाद सतपाल सिंह ने बतौर कॉन्सटेबल पंजाब पुलिस की नौकरी ज्वॉइन कर ली. लेकिन दुर्भाग्य देखिए, कारगिल वॉर में टाइगर हिल पर पाकिस्तानी सेना के कैप्टन को हाथों से ही ढेर कर देने वाले सतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने ट्रैफिक कंट्रोल करने की जिम्मेदारी थी.

तब से लेकर अब तक सतपाल सिंह संगरुर जिले के भवानीगढ़ में ट्रैफिक संभालने का काम करते हैं. लेकिन हाल ही में उनका एक वीडियो वायरल हो गया था, जिसके बाद एक बार फिर उनकी वीरता के किस्से चर्चा में आ गए. ये बात जब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तक पहुंची, तो उन्होंने सतपाल सिंह का प्रमोशन कर उन्हें असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर बना दिया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
‘ये जानने के कुछ घंटे बाद ही कि कारगिल वॉर का हीरो ट्रैफिक संभालने का काम कर रहा है, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनके डबल प्रमोशन का ऑर्डर दिया है. 2010 में भर्ती के समय उनकी सेवा को पिछली शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी सरकार ने एकदम भुला दिया था.’
पंजाब सरकार ने बयान में कहा

पंजाब सरकार ने कहा कि स्पेशल केस के तौर पर, सतपाल सिंह को असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर बनाया गया है.

बीच सड़क पर खड़े होकर ट्रैफिक संभालते और लोगों को सैल्यूट करते सतपाल सिंह का वीडियो हाल ही में वायरल हो गया था.

सीमा पर दुश्मनों से लड़ने वाले सतपाल ने बतौर ट्रैफिक पुलिस अफसर काम करने पर कहा था,

‘मैं उन लोगों को सैल्यूट करने को मजबूर हूं जो रैंक और पद में मुझसे जूनियर हैं. पंजाब पुलिस ने मुझे सही रैंक नहीं दी, जिसकी वजह से मैं ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल के तौर पर काम कर रहा हूं.’
0

टाइगर हिल की जंग के हीरो हैं सतपाल सिंह

सतपाल सिंह भारतीय सेना के ऑपरेशन विजय का हिस्सा था. वो 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान टाइगर हिल पर हुई जंग का अहम हिस्सा थे. सतपाल सिंह ने पाकिस्तानी सेना के कैप्टन करनाल शेर खान और तीन अन्य जवानों को मार गिराया था. शेर खान को मरणोपरांत पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-हैदर से सम्मानित किया गया था.

वहीं, सतपाल सिंह की बहादुरी के लिए उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया था. सपताल सिंह ने सेना के जवानों को नजरअंदाज किए जाने पर कहा-

‘हम सेना के जवान देश के लिए अपनी जान तक न्योछावर करने को तैयार हैं. सरकार का जवानों को यूं नजरअंदाज करना आहत करता है. वीर चक्र किसी को भी नहीं दिया जाता, इसे पाने वाले के लिए कुछ सम्मान होना चाहिए.’

सेना से रिटायर होने के बाद सतपाल सिंह ने 2010 में पंजाब पुलिस ज्वॉइन की थी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×