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'जो चाहो पहनो', कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने किया हिजाब बैन हटाने का ऐलान

Hijab Ban: कर्नाटक में हिजाब बैन सबसे पहले 2022 में राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार द्वारा लगाया गया था.

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कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर ऐलान किया कि राज्य सरकार हिजाब प्रतिबंध वापस ले लेगी. यह प्रतिबंध सबसे पहले 2022 में राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार द्वारा लगाया गया था. नरेंद्र मोदी सरकार के नारे 'सब का साथ, सबका विकास' को 'फर्जी' करार देते हुए कर्नाटक के CM सिद्धारमैया ने कहा- "बीजेपी कपड़े, पहनावे, जाति के आधार पर समाज को बांटने का काम कर रही है. मैंने हिजाब बैन वापस लेने को कहा है."

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"मैं आपको क्यों रोकूं?"

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मैसूर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिजाब पर अब कोई प्रतिबंध नहीं है. (महिलाएं) हिजाब पहन सकती हैं और कहीं भी जा सकती हैं. मैंने (प्रतिबंध) आदेश वापस लेने का निर्देश दिया है. आप कैसे कपड़े पहनते हैं और क्या खाते हैं यह आपकी पसंद है. मैं आपको क्यों रोकूं?"

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि राज्य में लोग जो चाहें पहनने और खाने के लिए आजाद हैं.

तुम जो चाहो पहनो, जो चाहो खाओ. मुझे जो चाहिए मैं खाऊंगा, तुम जो चाहो खाओ. मैं धोती पहनता हूं, तुम पैंट शर्ट पहनते हो, इसमें गलत क्या है?
सिद्धारमैया, मुख्यमंत्री, कर्नाटक

राज्य की BJP सरकार ने लगाया था बैन

यह हिजाब बैन सबसे पहले 2022 में राज्य में भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा लगाया गया था. मुख्यमंत्री बी बोम्मई के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में सिर ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे बड़ा विवाद पैदा हो गया था. कई छात्रों द्वारा प्रतिबंध के खिलाफ अदालत में जाने के बाद, कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य प्रतिबंध को बरकरार रखा और कहा कि हिजाब पहनना "इस्लाम का एक जरूरी धार्मिक अभ्यास नहीं है" और शैक्षणिक संस्थानों में समान पोशाक नियम का पालन किया जाना चाहिए जहां यह निर्धारित किया गया है.

हिजाब मामला सुप्रीम कोर्ट में गया, जिसमें एक जस्टिस ने कहा कि राज्य स्कूलों में ड्रेस लागू करने के लिए अधिकृत है और दूसरे जस्टिस ने हिजाब को पसंद का मामला बताया.

जून में, कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद, कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने NDTV से कहा था कि बीजेपी सरकार द्वारा लाया गया "कोई भी कानून" जिसे "रिग्रेसिव" माना जाएगा, नई राज्य सरकार द्वारा निरस्त कर दिया जाएगा.

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